वर्तमान समय में आपने देखा होगा कि ज्यादातर लोग खांसी की समस्या से परेशान रहते हैं इसका सबसे मुख्य कारण वातावरण में मौजूद प्रदूषण होता है। वातावरण में कई तरह की जहरीली हवाएं भी मौजूद रहती है। जिसकी वजह से बच्चे और बूढ़े लगभग सभी आयु के लोग खांसी और सांस से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। लगाता की समस्या से पीड़ित लोगों के शरीर पर एंटीबायोटिक भी अपना प्रभाव नहीं दिखा पा रही है। यदि आप भी स्मॉग के चलते लगातार खांसी या फेफड़ों के बिगड़े हुए स्वास्थ्य जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं और एंटीबायोटिक का सेवन करने के बाद भी आपकी खांसी नहीं मिल पा रही है तो आप अपने रूटीन में इन योगासन को शामिल करके खांसी की समस्या से राहत पा सकते हैं। आइए जानते है इन योगासनों के बारे में -

* कपालभाति :

खांसी की समस्या से राहत पाने और अपने फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए आप अपने रूटीन में कपालभाति योगासन को शामिल कर सकते हैं क्योंकि यह प्राणायाम तकनीक आपके फेफड़ों के लिए लाभकारी होने के साथ-साथ आपके दिमाग के लिए भी बहुत फायदेमंद होती है। यह योगासन हमारी स्मरण शक्ति को बढ़ाने में कारगर माना जाता है। इस योगासन को अपने ड्यूटी में शामिल करने से वजन घटाने और पेट से जुड़ी समस्याओं को दूर करने तथा इम्यूनिटी को बूस्ट करके के साथ साथ कहीं फायदे मिलते हैं इसलिए आपको अपने रूटीन में कपालभाति प्राणायाम को जरूर शामिल करना चाहिए।

* बाह्य प्राणायाम को करे अपने रूटीन में शामिल :

आप अपने फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए अपने डेली रूटीन में बाह्य प्राणायाम को शामिल कर सकते है। फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए यह प्राणायाम बहुत ही प्रभावी माना जाता है और इसे आप नियमित रूप से कर सकते हैं क्योंकि इसे करना बहुत ही आसान होता है इसे करने के लिए आप सबसे पहले पद्मासन में बैठना होता है तो सिर्फ लंबी सांस लेकर उसे छोड़ते समय पेट पर जोर देना होता है। इस योगासन को करके आप सांस से संबंधित समस्याओं के अलावा समस्याओं को भी दूर कर सकते हैं।

* भस्त्रिका प्राणायाम :

इस योगासन को भी आप अपने रूटीन में शामिल करके अपने फेफड़ों को स्वस्थ रख सकते हैं। क्योंकि यह योगासन फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है। जिन लोगों को साइनस की समस्या होती है उन लोगों को भी इस योगासन का रूटीन जरूर फॉलो करना चाहिए। बढ़ता प्रदूषण को देखते हुए सभी लोगों को नियमित रूप से सुबह के समय अपने डेली रूटीन में भस्त्रिका प्राणायाम को जरूर शामिल करना चाहिए।

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