वायु प्रदूषण से कैंसर, हार्ट और लंग्स पर भी काफी असर पड़ता है और ये लंग्स कैंसर का एक प्रमुख कारण माना जाता है. हाल ही में मेडिकल जर्नल द लैंसेट में एक रिसर्च छपी है, जिसके मुताबिक, भारत में हर साल 24 लाख मौतें वायु प्रदूषण (Air Pollution) से होती हैं. हालांकि जितना खतरनाक वायु प्रदूषण है. उतना ही स्मोकिंग (Smoking) भी है. खासकर महिलाओं के स्वास्थ्य पर इससे काफी गंभीर असर पड़ता है. डॉक्टरों के मुताबिक, महिलाओंं का स्मोकिंग करना उनके बच्चे के प्री- मैच्यौर बर्थ का कारण बन सकता है. इसके अलावा स्मोकिंग से सीओपीडी और लंग्स कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं। इस लेख के माध्यम से आपको बताएंगे की स्मोकिंग के कारण गर्भवती महिलाओं के लिए कैसे हानिकारक है। आइए जानते है -

पिछले कुछ सालों में महिलाओं में भी स्मोकिंग करने का ट्रेंड बढ़ा है. इससे उनके स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है. अगर कोई महिला स्मोकिंग करती है, तो उसको प्री-मैच्योर बेबी होने की आशंका बढ़ जाती है. इस स्थिति में बच्चे का जन्म 9 महीने के समय से कुछ सप्ताह पहले ही हो जाता है। डॉ. मंत्री ने बताया किस्मोकिंग का असर बच्चे की सेहत पर भी पड़ता है. इसकी वजह से बच्चे की ग्रोथ पर भी असर पड़ता है।

* कम उम्र में आ रहे लंग्स कैंसर के मामले

डॉ. मंत्री ने बताया कि वायु प्रदूषण और खराब लाइफस्टाइल की वजह से अब कम उम्र में ही लंग्स कैंसर के मामले आ रहे हैं. कुछ दिन पहले ही उनके पास एक 40 वर्षीय महिला इलाज़ के लिए पहुंची है. जिनके फेफड़ों में कैंसर वाली गांठ है. डॉ. ने बताया कि इस महिला की स्मोकिंग की कोई हिस्ट्री नहीं है, लेकिन उसको फेफड़े का कैंसर हो गया है. इसका एक बड़ा कारण प्रदूषण हो सकता है।

* प्रीमैच्योर बेबी होने का कारण :

गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. विनीता पंवार के मुताबिक, प्रेग्नेंसी के दौरान स्मोकिंग करने से शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन सही प्रकार से नहीं हो पाता है. इस वजह से प्लेसेंटा सही से विकसित नहीं हो पाता है और बच्चे का साइज छोटा रह जाता है, जिससे प्री-मैच्योर बेबी होने का खतरा रहता है।

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