Health Care Tips: इन आयुर्वेदिक नुस्खों को अपनाकर बढ़े हुए Uric Acid की प्रॉब्लम हो जाएगी दूर !
यूरिक एसिड से महिला हो या पुरुष हर कोई परेशान होता है और अधिकतर मामलों में ये बीमारी 40 साल से ऊपर की उम्र के लोगों को अपनी चपेट में लेती है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक ये एक तरह का अपशिष्ट पदार्थ होता है, जो शरीर के अहम अंग किडनी की कार्य क्षमता को प्रभावित करता है. बॉडी में यूरिक एसिड ( Uric Acid ) का बढ़ना एक आम हेल्थ प्रॉब्लम बन गई है, लेकिन इसे नजरअंदाज करना ठीक नहीं होता. यूरिक एसिड के बढ़ने पर ये शरीर के जोड़ों में जमा होने लगता है और कई जगह दर्द शुरू हो जाता है. ऐसे में जोड़ों में दर्द, चलने-फिरने में दिक्कत और सूजन जैसी समस्याएं होने लगती हैं. इसकी वजह से कई लोगों को हाई ब्लड प्रेशर ( High BP ) की प्रॉब्लम भी हो सकती है। इस लेख के माध्यम से हम आपको कुछ ऐसे कारगर आयुर्वेदिक नुस्खों के बारे में बताएंगे, जो यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में आपकी मदद कर सकते हैं। आइए जानते है इनके बारे में विस्तार से -
1. गिलोय का रस का करें इस्तेमाल :
गिलोय कई तरह के औषधीय गुणों से भरपूर होता है, जो हमारी शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ और भी कई तरह के फायदे पहुंचाता है. गिलोय एक साधारण पौधा है, जो किसी भी पेड़ पर तलाओं के रूप में फैलता है. यूरिक एसिड को कम करने के लिए आप गिलोय की लताओं को पानी में गर्म करके वह पानी पी सकते हैं. या फिर आपको मार्केट में आसानी से गिलोय का रस मिल जाएगा।
2. सोंठ पाउडर का करें सेवन :
अचार या फिर सब्जी का स्वाद बढ़ाने वाले सोंठ के पाउडर के कई हेल्थ बेनिफिट्स भी हैं. इसके लिए रात में सोने से पहले थोड़ा सी हल्दी और सोंठ पाउडर को पानी में मिलाकर इसे पी जाएं। आयुर्वेद में इसका विशेष महत्व बताया गया है. सोंठ पाउडर को हल्दी के साथ खाने से यूरिक एसिड की समस्या को कम किया जा सकता है।
3. त्रिफला चूर्ण का करें इस्तेमाल :
तीन तरह की जड़ी बूटियों से मिलाकर बनाए जाने वाले त्रिफला का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए. कुछ दिनों में आप फर्क देख पाएंगे. ये एक तरह का चूर्ण होता है और इसे आयुर्वेद में बेस्ट उपचार के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. आयुर्वेदिक एक्सपर्ट्स के मुताबिक यूरिक एसिड की प्रॉब्लम से निजात पाने के लिए त्रिफला पाउडर या चूर्ण को रात में सोने से पहले पानी के साथ निगलना चाहिए।