Hair Care Tips: हेयर ट्रांसप्लांट को लेकर लोगों में फैले ऐसे मिथ जिनपर नही करना चाहिए भरोसा, आइए जाने !
इंटरनेट डेस्क. आज के समय में ज्यादातर लोगों को बालों के झड़ने की समस्या रहती है इस समस्या के बढ़ने पर इंसान गंजेपन का शिकार हो जाता है। गंजेपन की समस्या को दूर नहीं किया जा सकता। गंजेपन का इलाज संभव तो है लेकिन यह काफी महंगा होता है। गंजेपन को दूर करने के लिए हेयर ट्रांसप्लांट किया जाता है। काफी महंगा होने के बावजूद भी कई लोग इसे करवाते हैं और अपने लुक को पहले की तरह पा लेते हैं। आज इस लेख के माध्यम से आपको बताएंगे हेयर ट्रांसप्लांट को लेकर लोगों में फैले हुए ऐसे कुछ मिथ जिनपर आपको भरोसा नहीं करना चाहिए। आइए जाते है इनके बारे में विस्तार से -
* मिथ : हेयर ट्रांसप्लांट का दिमाग पर पड़ता है बुरा असर -
सच्चाई : हेयर एक्सपर्ट के अनुसार यह धारणा बहुत ही गलत है। हेयर एक्सपर्ट ने बताया कि हेयर ट्रांसप्लांट का दिमाग पर बिल्कुल भी बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है। हेयर ट्रांसप्लांट की प्रोसेस को स्कैल्प पर किया जाता है। ना कि दिमाग के अंदर इसलिए इस प्रक्रिया का दिमाग पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है।
* मिथ : हेयर ट्रांस्पलांट से होता है कैंसर -
सच्चाई : लोगों में हेयर ट्रांसप्लांट को लेकर यह भ्रांति फैली हुई है कि इसे करवाने से कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है लेकिन हेयर एक्सपर्ट ने इस भ्रांति को दूर करते हुए कहा है कि हेयर ट्रांसप्लांट करवाने से किसी भी तरह का कैंसर नहीं होता और ना ही अन्य कोई बीमारी होती है। हेयर ट्रांसप्लांट एक सर्जरी वाली प्रक्रिया है। इसे करवाने से किसी भी तरह की हेयर प्रॉब्लम नहीं होती।
* मिथ : हेयर ट्रांसप्लांट करवाने में होता है बहुत दर्द -
सच्चाई : लोगों में हेयर ट्रांसप्लांट को लेकर यह भ्रम फैला हुआ है कि इसे करवाने में बहुत ज्यादा दर्द होता है। लेकिन हेयर एक्सपर्ट ने बताया है कि हेयर ट्रांसप्लांट करते समय व्यक्ति को एनेथिसिया दिया जाता है। जिसके कारण हेयर ट्रांसप्लांट करते समय दर्द नहीं होता है। लेकिन इसका असर खत्म होने पर थोड़ा बहुत दर्द हो सकता है लेकिन इतना ज्यादा भी नहीं जितना लोग सोचते हैं।