सरकार ने हाल ही में कोरो संकट को देखते हुए एक बड़ा फैसला लिया था। इस फैसले से लाखों पेंशनभोगियों को फायदा होगा। दरअसल सरकार ने अब डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट के लिए सपोर्ट की जरूरत को खत्म कर दिया है। पहले डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट या लाइफ सर्टिफिकेट के लिए सपोर्ट की जरूरत होती थी।

मैसेजिंग सर्विस सैंड्स के लिए भी आधार वेरिफिकेशन को वैकल्पिक बना दिया गया है। इसके अलावा, सार्वजनिक कार्यालयों में उपस्थिति की आवश्यकता को अब समाप्त कर दिया गया है। Sandes ऐप भारत सरकार का एक इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म है। यह एंड्रॉइड और आईओएस दोनों पर काम करता है। इसे अगस्त 2020 में लॉन्च किया गया था। इसे भारत सरकार की मदद से राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र द्वारा विकसित किया गया है।


पेंशनरों को मिली इस बड़ी समस्या से निजात

पहले पेंशनभोगियों को जीवन प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए शारीरिक रूप से उपस्थित होना पड़ता था जो उनके लिए एक बड़ी समस्या थी। भौतिक सत्यापन से राहत देने के लिए मोदी सरकार ने 2014 में डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र प्रक्रिया शुरू की थी। पुराने नियम के तहत पेंशनभोगियों को हर साल पेंशन जारी करने वाली संस्था के सामने पेश होना पड़ता था। एक अन्य विकल्प स्थानीय प्रशासन से सत्यापन के बाद एक प्रमाण पत्र जारी करना था जिसे पेंशन संस्था को जमा करना था।

पेंशनभोगियों की शिकायत पर कुछ सरकारी एजेंसियों ने 2018 में आधार की अनिवार्यता को खत्म कर दिया था लेकिन अब अधिसूचना जारी कर आधार को स्वैच्छिक बना दिया गया है। आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय ने भी मैसेजिंग ऐप के लिए सपोर्ट की जरूरत को खत्म करने का फैसला किया है।


सैंड्स ऐप

इस ऐप को आप WhatsApp की जगह इस्तेमाल कर सकते हैं। यह ऐप राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र द्वारा बनाया गया था और इसे एंड्रॉइड और आईओएस दोनों पर इस्तेमाल किया जा सकता है। इस ऐप में आपको वॉट्सऐप की जगह एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन का फीचर मिलेगा। इसके साथ ही आपको कॉन्टैक्ट शेयरिंग, मैसेज टैगिंग, बैकअप एंड रिस्टोर, ग्रुप चैट, वीडियो और वॉयस कॉल जैसे फीचर मिलेंगे।

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