ज्योतिष शास्त्र में रत्न शास्त्र में कुछ ऐसे रत्नों के बारे में बताया गया है जिन्हें पहनकर व्यक्ति ग्रहों की स्थिति को मजबूत कर हर मुश्किलों से छुटकारा पा सकता है। इन्हीं रत्नों में से एक गोमेद रत्न जिसे सिलोनी गोमेद के नाम से भी जाना जाता है। इस रत्न को धारण करने से जीवनशैली में काफी हद तक बदलाव करने के साथ बीमारियों से राहत दिलाता है। लेकिन कुछ लोगों को इस रत्न को पहनने से बचना चाहिए।

गोमेद रत्न को राहु का रत्न माना जाता है। राहु एक उपछाया ग्रह माना जाता है। जिसका अपना कोई अस्तित्व नहीं है। लेकिन यह जिस नक्षत्र या ग्रह से जुड़ जाता है, तो उससे शुभ या फिर अशुभ फल देना शुरू कर देता है। ज्योतिषों के अनुसार इस रत्न को धारण करने से कई ग्रहों की स्थिति मजबूत हो जाती है।


ये लोग न पहनें गोमेद रत्न
रत्न शास्त्र के अनुसार, अगर व्यक्ति की कुंडली में राहु छठे, आठवें या बारहवें भाव में है, तो ज्योतिषी से सलाह लेने के बाद ही इस रत्न को धारण करें, अन्यथा कई मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। उन लोगों को भी गोमेद रत्न धारण नहीं करना चाहिए जिनकी कुंडली में राहु ग्रह नीच या फिर अशुभ स्थिति में हो।

रत्न शास्त्र के अनुसार, अगर आपने किसी रत्न को पहले से ही धारण किया हो तो एक बार ज्योतिषी से पूछने के बाद ही इस रत्न को धारण करना चाहिए। क्योंकि इस रत्न को मंगल का रत्न मूंगा और चंद्रमा का रत्न मोती के अलावा माणिक्य, पुखराज आदि के साथ पहनने से हानि का सामना करना पड़ सकता है।

गोमेद रत्न मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु, मकर और मीन राशि के जातकों को नहीं पहनना चाहिए। अगर आप पहनना चाहते हैं तो रत्न एक्सपर्ट से सलाह लेने के बाद ही धारण करें। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु के साथ चंद्रमा और सूर्य ग्रह एक ही भाव में विराजमान हो तो गोमेद रत्न नहीं पहनना चाहिए।

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