दिन-रात चलने का शौक रखने वालों के लिए कोई मायने नहीं रखते, जब भी मूड होता है तो बस अपना सामान उठाकर टहलने निकल जाते हैं। यदि आपको ऐसी जगह मिल जाए जहां आप दिन-रात एन्जॉय करना चाहते हैं, तो आपको इंदौर से 53 किलोमीटर दूर कलाकुंड के इस गांव की सैर जरूर करनी चाहिए। बता दे की, ट्रेन का सफर आंखों और दिमाग को काफी शांति देता है। ट्रेन से कलाकुंड पहुंचते ही आप इस जगह की प्राकृतिक सुंदरता में खो जाते हैं।

बता दे की, इस गांव तक पहुंचने का एकमात्र साधन मीटर गेज ट्रेन है। कालाकुंड इंदौर से खंडवा रेल मार्ग पर स्थित है। यह खूबसूरत रोमांचकारी नजारा देखते ही बन जाता है। कलाकुंड मात्र 175 लोगों की आबादी वाला एक ऐसा गांव है, जहां प्राकृतिक सौंदर्य देखते ही बनता है।

ट्रेन एक छोटे से स्टेशन पर रुकती है, प्लेटफॉर्म पर दो-तीन हाथ पाल के पत्तों पर सफेद रंग का खाद्य पदार्थ बेचते हुए दिखाई देते हैं। यह कलाकुंड का प्रसिद्ध कलाकंद है, जो यहां के कुछ कामों में से एक है। जिसक साथ ही यहां की 75 साल से अधिक पुरानी तिलसामी अंग्रेजी सिनेमा में दिखाए गए रेलवे स्टेशन की याद दिलाती है।

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