हम सभी ने अपने घरों दुकानों या अन्य जगहों पर मकड़ी के जाले देखे हैं। मकड़ी के जाले किसी ख़ास पदार्थ से बने होते हैं इसी कारण जब भी कोई कीड़ा यहाँ से गुजरता है तो इसी में चिपक जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मकड़ी का जाला किस से बना होता है और क्यों इसमें कीड़े मकोड़े फंस जाते हैं?

मकड़ी के शरीर से एक रेशमी धागे जैसा द्रव्य पदार्थ निकलता है जिसे स्पाइडर सिल्क भी कहा जाता है। यह पहले चिपचिपा होता है लेकिन हवा के सम्पर्क में आने पर यह एक धागे जैसी संरचना में बदल जाता है।

इस चिपचिपे जाल में छोटे मोटे कीड़े मकोड़े आसानी से फंस जाते हैं। यह जाला वाकई में प्रोटीन से बना होता है। इस द्रव्य में प्रोटीन होता है। तो अब आप समझ चुके होंगे कि जाला किस से बना होता है।

इस जाल की एक और ख़ास बात ये होती है कि मकड़ी खुद इस जाले में कभी नहीं फंसती है। इसकी एक खास वजह है क्योकिं मकड़ी इसका निर्माण एक खास तरह से करती है और इसके बीच में जगह होती है जिसमे से मकड़ी आसानी से निकल जाती है। इसके अलावा मकड़ी के पैर तैलीय होते हैं जिस कारण इसका जाल इसके नहीं चिपकता और ये इसमें नहीं फंसती।

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