आपने आज तक स्वर्ग या नर्क के बारे में सुना होगा। गरुड़ पुराण में भी इसका जिक्र किया गया है। व्यक्ति के कर्मों के अनुसार ही उसे स्वर्ग या नर्क की प्राप्ति होती है। गरुड़ पुराण में उदाहरण देकर बताया गया है कि किस तरह के कर्म को अधर्म माना जाता है और किनको धर्म से जोड़कर देखा जाता है। इसी के बदौलत किसी व्यक्ति को स्वर्ग या नर्क प्राप्त होता है।

स्वर्ग तक ले जाते हैं ये कर्म

1. गरुड़ पुराण के अनुसार जो कोई भी फैसला क्रोध, भय और शोक से मुक्त होकर लेते हैं। वे बेहद ही महान होते हैं और उन्हें स्वर्ग की प्राप्ति होती है।

2. जो लोग अपनी पत्नी के अलावा किसी भी दूसरी स्त्री को माता, बहन और पुत्री की नजरों से देखते हैं या उनका सम्मान करते हैं। ऐसे लोग मृत्यु के बाद स्वर्ग प्राप्त करते हैं।

3. जो लोग दूसरों के अच्छे गुण देखते हैं और उनकी तारीफ़ करते हैं। साथ ही अपने में कोई गलती हो तो उसे सुधारने की कोशिश करते हैं। ऐसे लोगों को यम के कष्ट नहीं भोगने पड़ते।

4. कुआं, प्याऊ, तालाब, मंदिर, आश्रम आदि का निर्माण कराने वालों के सभी पापों का नाश होता है। ऐसे लोग भी मृत्यु के बाद स्वर्ग में जाते हैं।

ये कर्म पहुंचाते हैं नर्क

1. जो व्यक्ति रोगी, गरीब, अनाथ, असहाय, बुजुर्ग या किसी जरूरतमंद को सताते हैं, उनका मजाक उड़ाते हैं। उन्हें उनके कर्म नर्क की ओर ले जाते हैं।

2. जो देवताओं की पूजा नहीं करते हैं और किसी तरह का मान सम्मान नहीं देते हैं तो उन्हें नर्क की प्राप्ति होती है।

3. जो लोग हमेशा लालच करते हैं और दूसरों को परेशान करते हैं या फिर कन्याओं का सौदा करते हैं। तो उन्हें भी नर्क जाना पड़ता है।

4. जो लोग दूसरों के धन पर कब्जा करते हैं, ऐसे लोगों को मृत्यु के ​बाद नर्क में असहनीय कष्ट भोगने पड़ते हैं।

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