हर साल भगवान गणेश का आगमन भक्तों के घर 10 दिन के लिए होता है इस बार गणेश चतुर्थी 22 अगस्त से शुरू है। गणेशोत्सव के दौरान भक्त पूरे भक्ति भाव के साथ बप्पा की पूजा-अर्चना करते हैं उन्हें तरह-तरह के भोग लगाते हैं,अब जब बप्पा अपने भक्तों के बीच पहुंच ही रहे हैं तो चलिए हम आपको बताते हैं कि आखिर भगवान गणेश को दूर्वा और मोदक क्यों अर्पित किया जाता है –

भगवान गणेश एकमात्र ऐसे देव हैं जिनको दूर्वा यानी दूब चढ़ाई जाती है, दूर्वा गणेशजी को बेहद प्रिय है। 21 दूर्वा को इकट्ठा करके एक गांठ बनाई जाती है और उसे गणेशजी के मस्तक पर चढ़ाया जाता है।

वैसे हर देवी-देवता को प्रसन्न करने के लिए अलग-अलग किस्म के प्रसाद का भोग लगाया जाता है. लेकिन प्रथम पूजनीय भगवान गणेश को मोदक अतिप्रिय है। मोदक का अर्थ होता हैं मोद यानी आनंद देने वाला, जिससे आनंद मिलता है. मोदक ज्ञान का प्रतीक है इसलिए यह ज्ञान के देवता गणेशजी को अतिप्रिय है।

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