Gandhi Jayanti Special: ये था गांधी जी का फिटनेस सीक्रेट
कल 2 अक्टूबर 2022 को पूरा देश राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती मनाएगा। गांधीजी शाकाहारी थे और अपने जीवन के एक मोड़ पर उन्होंने चाय और कॉफी तक का त्याग कर दिया था। दुनिया में शायद ही कोई व्यक्ति भोजन के साथ इतने प्रयोग कर सकता है, जितना गांधी जी ने भोजन के साथ किया था। महात्मा गांधी जहां चीनी के सेवन से परहेज करते थे, वहीं फलों के राजा आम की अपनी लालसा से बच नहीं पाए। महात्मा गांधी ने अपने कई लेखों में इस अतिरेक के लिए खेद व्यक्त किया है।
अपने पसंदीदा फल की बात करें तो महात्मा गांधी को आम बहुत पसंद थे। किन्हीं कारणों से गांधी जी ने दूध का सेवन भी बंद कर दिया। कस्तूरबा गांधी के कहने पर महात्मा गांधी बकरी का दूध पीने के लिए तैयार हो गए। गांधीजी जानते थे कि उनके पसंदीदा फलों और सब्जियों में प्राकृतिक रूप से नमक होता है, इसलिए उन्होंने अपने आहार में अतिरिक्त नमक लेने से परहेज किया। स्लेट के अनुसार महात्मा गांधी ने 1911 से नमक रहित आहार लेना शुरू कर दिया था। हालांकि, 1920 के बाद गांधीजी ने अपने आहार में हल्का नमक लेना शुरू कर दिया। उन्होंने अपने आहार में प्रतिदिन 30 से अधिक अनाज (अनाज) नमक नहीं लिया।
महात्मा गांधी के खान-पान की बात करें या खाने की मात्रा की बात करें तो वे अपने आहार में 8 किलो अंकुरित गेहूं, बादाम के लिए 8 टोल, प्रत्येक पत्ते के 8 टोल, छह नींबू और 2 औंस शहद लेते थे। गांधीजी अपना पहला भोजन सुबह 11 बजे और दूसरा शाम 6:15 बजे किया करते थे। गांधीजी दिन में शहद और नींबू के साथ गर्म पानी लेते थे। आजादी से पहले गांधीजी ने कई उपवास किए। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान महात्मा गांधी ने 17 बार उपवास किया और उनका सबसे लंबा उपवास 21 दिनों का था।