आज के समय में हर कोई जब सिंगल होता है और नौकरी कर रहा होता है घर से दूर तो उसे रहना ही पड़ता है और ऐसे में जब व्यक्ति थक हार कर घर आता है तो ऐसे में हर कोई चाहता है उसके पास कोई न कोई मनोरंजन का साधन जरूर हो जिसमें आजकल सबके पास स्मार्टफोन मौजूद है जो कि मनोरंजन का एक बेहद बड़ा साधन माना जाता है। ऐसे में आए दिन सोशल मीडिया पर कई ऐसी चीजें देखने को मिलती हैं जो बेहद ही ज्यादा मनोरंजित करती है इसलिए आज हम आपके लिए कुछ ऐसे ही चुटकुले लेकर आए है जो हमेशा ही सोशल मीडिया पर आते रहते हैं ये चुटकुले आपको खुब हंसाने वाले हैं और साथ ही आपके तनाव को भी कम करने वाले हैं। तो आइए पढते हैं ये मजेदार चुटकुले

टीचर पप्पू से – तुम्हारा रिजल्ट बहुत खराब आया है. कल अपने पापा को साथ लेकर आना वरना, पप्पू – वरना क्या करोगी?
टीचर – वरना मैं तुम्हारा रिजल्ट फेसबुक पर अपलोड, करके उसमें तुम्हारे पापा को टैग कर दूंगी,
पप्पू बोला – अच्छा तो मैं भी मम्मी को बता दूंगा कि मेरी, मैडम पापा की फ्रेंड लिस्ट में है और आप दोनों की गोवा वाली तस्वीरें मम्मी को दिखा दूंगा.

वाइफ : आपको अरेंज मैरिज और लव मैरिज का मतलब पता हैं?, हस्बैंड: हाँ पता हैं !!!
अरेंज मैरिज : आप जब चल रहे हो तभी अचानक से आपको सांप काट ले ये, अरेंज मैरिज हैं और
लव मैरिज : आप सांप खोजते हैं और उसके सामने नाच-नाच के कहते हैं ले काट ले –ले काट ले, लव मैरिज हैं

एक औरत ने भी हद कर दी, उसने मोदी जी को एक पत्र लिखा, जिसमे एक योजना बताई की दारू की दाम दुगनी कर के दारू की दूकान को आधार कार्ड से जोड़ दे और आधा पैसा पीने वाले की पत्नी के अकाउंट में सब्सिडी की तरह वापस कर देना चाहिए, जिससे ये फायदे होंगे
1. पति लिमिट में पियेगा, क्योंकि उसके नशे की मात्रा उसकी पत्नी के बैंक बैलेंस के बराबर रहेगी । 2. पत्निया पीने के लिए कभी मना नही करेंगी ।
3. पत्नी को मालूम रहेगा, आज पति ने कितनी पी ।
4. जिस की पत्नी का अकाउंट नहीं है वो भी खुल जाएगा ।

क्या आप जानते हैं….ओलंपिक्स में पदक जीतने वाली सभी महिला खिलाड़ियों के कोच पुरुष हैं।
इससे ये साबित होता है कि, जो औरतें पुरुषों की बातें सुनती और मानती हैं, उन्हें जीवन में सफलता प्राप्त होती है और उनकी कीर्ति पूरे विश्व में फैलती है।
ये बात अपनी पत्नी को नाश्ता करने के बाद ही बताएं, औऱ फिर तुरंत दफ्तर निकल जायें ।

इस संसार में कुछ ऐसी चीजें भी है जिन्हें हम बचपन से लेकर आज तक किताबों केअलावा सच में नहीं देख पाए है ।
जैसे “ठ” से ठठेरा
साला…आज तक समझ नहीं आया कि ये था क्या??

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