लेमनग्रास एक जड़ी बूटी है जिसका वैज्ञानिक नाम सिम्बेपोगोन साइट्रेटस है। इसमें नींबू जैसी सुगंध होती है इसलिए इसे लेमन ग्रास कहा जाता है। यह एक ऐसी जड़ी-बूटी है जो आपको अनगिनत स्वास्थ्य लाभ देती है। हरी घास विटामिन ए, सी, फोलेट, फोलिक एसिड, मैग्नीशियम, जिंक, कॉपर, आयरन, पोटेशियम, फास्फोरस, कैल्शियम और मैग्नीशियम से भरपूर होती है। इसके अलावा इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-सेप्टिक गुण होते हैं। इसलिए इतने औषधीय गुणों से भरपूर यह घास कई बीमारियों से लड़ने की क्षमता रखती है। लेमन ग्रास आपको तनाव, चिंता, अवसाद, कम कोलेस्ट्रॉल, संक्रमण को रोकने में मदद करता है।

लेमन ग्रास के फायदे और नुकसान - Lemongrass ke fayde aur nuksan in Hindi

इतना ही नहीं, कई अध्ययनों में लेमन ग्रास को मौखिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने, दर्द से राहत दिलाने, लाल रक्त कोशिकाओं के स्तर को बढ़ाने और सूजन जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में कारगर पाया गया है। साथ ही यह घास शरीर की गंदगी और खून को साफ करने का एक बेहतर तरीका है। शरीर में कोलेस्‍ट्रॉल का स्‍तर बढ़ने से हाइपरटेंशन, सीने में दर्द, हार्ट अटैक जैसी खतरनाक बीमारियां होती हैं। इससे शरीर की नसें ब्लॉक हो जाती हैं और आपको मोटापा और सांस की बीमारियां भी हो सकती हैं। इसलिए कोलेस्ट्रॉल का स्तर हमेशा नियंत्रण में रहना चाहिए। इसके लिए सबसे अच्छे विकल्पों में से एक लेमन ग्रास है।

इसकी चाय पीने से आपको इससे निजात मिल सकती है। इसके अलावा लेमनग्रास ऑयल के सेवन से बढ़ते कोलेस्ट्रॉल लेवल को भी कंट्रोल किया जा सकता है। कुछ शोध इस बात की पुष्टि करते हैं कि लेमन ग्रास ऑयल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, यही वजह है कि यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है।

The Benefits Of Lemongrass For Skin And Hair - कमाल की लेमनग्रास, आसानी से  पाइए बेदाग चेहरा और चमकदार बाल | Patrika News

जर्नल ऑफ फूड एंड केमिकल टॉक्सिकोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, लेमन ग्रास ऑयल शरीर में रक्त कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करता है। सबसे बड़ी बात यह है कि इसका कोई साइड इफेक्ट सामने नहीं आया। अगर आप तेजी से वजन कम करना चाहते हैं तो जल्द ही लेमनग्रास का सेवन शुरू कर दें। क्योंकि इसके सेवन से आपका मेटाबॉलिज्म बढ़ता है जिससे जल्दी वजन कम होता है। यह हमारे शरीर से अनावश्यक चर्बी को कम करता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत करता है। इस घास से बनी चाय का सेवन डिटॉक्स चाय के रूप में किया जाता है।

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