भगवान श्री कृष्ण ने महाभारत के युद्ध में एक अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने युद्ध में जो अपनी बुद्धि, बल और चालाकी का प्रयोग किया है वो शायद ही कोई कर सकता था। उनके नेतृत्व में ही पांडव ये युद्ध जीतने में कामयाब हुए थे। श्री कृष्ण के पास जितना आत्मा बल था, उतने शक्तिशाली और अद्भुत अस्त्र भी थे। आज हम आपको उन्ही अस्त्रों के बारे में बताने जा रहे हैं जो बहुत ही शक्तिशाली है। आइए जानते हैं इनके बारे में।

1. सुदर्शन चक्र:- श्रीकृष्ण का ये अस्त्र बेहद शक्तिशाली था। सुदर्शन चक्र किसी भी दुश्मन का नाश कर के वापस लौट के आ सकता था। यह सुदर्शन चक्र श्री कृष्ण को परशुराम जी ने दिया था। सुदर्शन चक्र बहुत ही तीव्र था और बेहद तेज गति के साथ घूम कर किसी का भी पल भर में नाश कर सकता था। एक अन्य कथा के अनुसार सुदर्शन श्रीकृष्ण को एक देवी से प्राप्त हुआ था।

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2. नारायणास्त्र:- ये एक बेहद ख़ास अस्त्र था जो नारायण जी ने खुद बनाया था। इसका जब भी इस्तेमाल किया जाता था तब आकाश में सभी त्रिशूल जैसे अस्त्र भी प्रकट होते थे जिस से कि कोई भी इसे काट ना सके। लेकिन ये कभी निहथ्हे पर वार नहीं करता था। महाभारत में ये अस्त्र प्रभु श्री कृष्ण, गुरु द्रोणाचार्य और उनके पुत्र अश्वत्थामा के पास था।

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3.कामोदकी:- कामोदकी भगवान विष्णु की गदा थी। भगवान श्री कृष्ण को कामोदकी जल देवता वरुण देव ने प्रदान किया था। ये भी बेहद शक्तिशाली अस्त्र था जो दुश्मन का सफाया कर सकता था।

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4. वैष्णव अस्त्र:- इस अस्त्र की अपनी एक अलग विशेषता थी और यह हर साल एक नई शक्ति धारण कर लेता था। इसे भगवान विष्णु ने बनाया था और इसका ज्ञान भगवान परशुराम और श्री कृष्ण को भी था। यह अस्त्र सीधा शत्रु पर ना चला कर सीधा आकाश की तरफ छोड़ा जाता था। जहां से यह अपनी संपूर्ण गति प्राप्त करता था। आकाश में जाकर ये और भी तीव्र गति के साथ जमीन की ओर आता था और दुश्मन को काट देता था।

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