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हिंदू धर्म में दान को सबसे अधिक महत्व दिया गया है। धर्मशास्त्रों में धन की तीन गतियां बताई गई है- दान, भोग एवं नाश। इंसान जब अपने जीवन में धन का ना ही दान करता है, अथवा ना ही धन से सुख प्राप्त करता है। ऐसी परिस्थिति में धन का नष्ट होना अवश्यंभावी है। इस क्रम में धन के दान को उसके भोग से श्रेष्ठ बताया गया है।

सनातन धर्मानुसार, प्रत्येक इंसान को अपने जीवन में उपार्जित धन व लाभ का दसवां हिस्सा जरूर दान कर देना चाहिए। कुछ विशेष ति​थियों तथा अवसरों पर किए गए दान फलदायक साबित होते हैं। इसी क्रम में पितृ पक्ष में जब पितर 16 दिन के लिए धरती पर वास करते हैं, तब अपने पितरों के निमित्त दान कर उन्हें खुशी दी जा सकती है।

दोस्तों, यह बात बहुत कम लोग जानते हैं कि श्राद्ध पक्ष यानि पितृ पक्ष के दौरान 16 दिनों में पितरों के लिए किया जाने वाला दान महादान की श्रेणी में आता है। हिंदू धर्मशास्त्रों के अनुसार, पितरों के लिए जो भी 10 वस्तुएं दान की जाती हैं, उसे महादान माना गया है।

इस स्टोरी में हम आपको यह बताने जा रहे हैं कि पितृ पक्ष में निम्नलिखित 10 महादान से पितर संतुष्ट होकर अपनी संतानों को खूब आशीर्वाद देते हैं, जिससे उनके जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

दस महादान

1- भूमि 2- गाय 3- स्वर्ण 4- तिल 5- वस्त्र 6- चांदी 7- नमक 8- गुड़ 9-घी 10- धान्य

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