हिन्दू धर्म में प्रकृति में उपस्थित हर चीज का संबंध ज्योतिष और वास्तु से माना जाता हैं। जिसके मुताबिक प्रकृति में होने वाली घटनाओं का संबंध किसी ना किसी रूप से व्यक्ति से जुड़ा हुआ होता हैं। आज हम आपको प्रकृति के कुछ ऐसे ही संकेतों के बारे में बताने जा रहे हैं जो मनुष्य के जीवन में अपशगुन के तौर पर देखे जाते हैं। तो आइये जानते हैं इन संकेतों के बारे में कि किस तरह ये हमारे जीवन पर प्रभाव डालते हैं।

घर की मुंडेर पर उल्लू बैठने लगे तो समझिए कि यह घर उजड़ने का संकेत है। धन की कमी होगी, शारीरिक पीड़ा झेलनी पड़ेगी |

चील-गिद्ध घर पर आ बैठें या मंडराएं तो यह अशुभ है।

घर में मकड़ी के जाले नहीं होने चाहिएं, वे शुभ नहीं होते।

जिस घर में बिच्छू कतार बना कर बाहर जाते हुए दिखाई दें तो समझ लेना चाहिए कि वहां से लक्ष्मी जाने की तैयारी कर रही हैं।

जिस घर में काले चूहों की संख्या अधिक हो जाती है वहां किसी व्याधि के अचानक होने का अंदेशा रहता है।

किसी भी पक्षी का अनायास ही आंगन में आकर गिरना और मर जाना किसी बड़े संकट की ओर संकेत करता है।

जिस भवन में बिल्लियां प्राय: लड़ती रहती हैं वहां शीघ्र ही विघटन की संभावना रहती है विवाद वृद्धि होती है। मतभेद होता है।

भवन के सम्मुख कोई कुत्ता भवन की ओर मुख करके रोए तो निश्चय ही घर में कोई विपत्ति आने वाली है अथवा किसी की मृत्यु होने वाली है।

जिस भवन की छत पर कौए, टिटहरी अथवा उल्लू घोर शब्द करें तब वहां किसी समस्या का उदय अचानक होता है।

घर में चमगादड़ों का वास अशुभ होता है।

काली या नीली चिडि़या का घर में निवास करना दरिद्रता का सूचक है, जबकि कोयल का घर के आसपास किसी पेड़कर बैठकर कूकना सुखद भविष्य का संके त माना जाता है। कोयल पूर्व या उत्तर की तरफ मुंह करके बोलती है तो परिवारजनों के यश, प्रतिष्ठा तथा धन में बढ़ोतरी होती है|

सुबह-सबेरे मुंडेर पर कौआ बोले तो यह प्रिय व्यक्ति के आगमन का संकेत है। पूर्व की ओर मुंह करके बोले तो कोई प्रभावशाली व्यक्ति आता है। उत्तर की ओर मुंह करके बोले तो धनवान व्यक्ति आता है। हां यदि कौआ,मांस, मछली या हड्डी घर में गिरा दे तो चिंताएं बढ़ती हैं।

यदि घर में किसी भी पक्षी द्वारा चांदी, तांबा, जेवरात या किसी भी धातु के गहने गिराए जाएं तो आकस्मिक धन की प्राप्ति होती है। मुकदमों का फैसला हक में होता है। पक्षी के द्वारा स्वर्ण गिराने से चिंता के साथ लाभ और सुख मिलता है।

मोर का घर पर नाचना अत्यंत शुभ है। मोर की केका ध्वनि परिवार में सुख का संकेत है, पर मोर का कंद्रन संकट का संकेत होता है।

मधुमक्खियों का घर में छत्ता बनाना शुभ है, जबकि पतंगों और टिड्डियों का घर में प्रवेश विवाद और कलह ले आता है।

गौरेया या छोटी चिडि़या एक जगह एकत्र होकर शोर करें तो समझें कि कोई विषैला जीव आसपास है।

कमरे की अंदरुनी छत पर चींटियों का रेंगना धन संपत्ति एवं प्रतिष्ठा बढ़ने की सूचना है, जबकि लाल चींटियां हानि देती हैं।

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