दुनिया खत्म होने के बाद भी जिंदा रहेगा ये योद्धा, महाभारत काल से भटक रहा है धरती पर!
महाभारत के समय का एक योद्धा आज भी इस पृथ्वी पर भटक रहा है और अनंतकाल तक जिंदा रहेगा। एक श्राप के कारण ये योद्धा आज भी पृथ्वी पर भटकने को मजबूर है। लेकिन सवाल यह है कि आखिर इस योद्धा ने ऐसा कौन सा गुनाह किया था जिसके चलते आज भी वो धरती पर दर-दर भटकने को मजबूर हैं।
हम बात कर रहे हैं कौरवों और पांडवों के गुरु द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा की। उन्हें ये श्राप श्रीकृष्ण ने दिया था। पौराणिक कथाओं के अनुसार द्रोणाचार्य की मृत्यु का बदला लेने के लिए अश्वत्थामा ने अभिमन्यु के पुत्र परीक्षित को मारने के लिए ब्रह्मास्त्र चलाया था, तब श्रीकष्ण ने उन्हें बचाया था।
इसके बाद अर्जुन ने अपनी तलवार से अश्वत्थामा के सिर के बाल काट दिए और सिर से मणि भी निकाल ली। क्रोधित होकर भगवान श्रीकृष्ण ने द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा को दुनिया खत्म होने तक धरती पर भटकने का श्राप दे दिया।
कहा जाता है कि उस समय के बाद से अश्वत्थामा आज भी धरती पर भटक रहा है। मध्यप्रदेश के एक छोटे से शहर बुरहानपुर में एक ऊँची पहाड़ी पर असीरगढ़ का किला है। पिछले 5000 सालों से भी अधिक से द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा यहाँ पर भटक रहे हैं।
यहाँ के आस पास रहने वाले लोगों का दावा है कि उन्होंने अश्वत्थामा को देखा है। उसके माथे से खून निकलता रहता है और वो कोई साया या परछाई नहीं है बल्कि एक इंसान है।
करते हैं शिव की पूजा
असीरगढ़ के इसी किले में एक प्राचीन शिव मंदिर है। वहां पर कोई शिव की आराधना कर के फूल चढ़ा के चला जाता है। लेकिन ये कौन है, आज तक कोई पता नहीं लगा पाया है। कहा जाता है कि अश्वत्थामा एक गुप्त रास्ते से आकर शिव की पूजा करते हैं।
अलग-अलग जगहों पर भटक रहे हैं
श्रीकृष्ण से श्राप मिलने के बाद अश्वत्थामा कई जगहों पर नजर आए हैं। उन्हें देखे जाने की खबरें मध्यप्रदेश, उड़ीसा और उत्तराखंड के जंगलों से भी आई हैं।