आज भी हमारे समाज में किन्नरों को वो सम्मान प्राप्त नहीं है जो होना चाहिए। उन्हें समाज में उस तरह नहीं समझा जाता है जैसा किसी सामान्य इंसान को समझा जाना चाहिए। इसलिए वे शुभ मुहूर्त, बच्चे के जन्म, शादी आदि में नाच गा कर अपनी आजीविका चलाने पर निर्भर हैं। किन्नरों को हालाकिं लकी माना जाता है और कहा जाता है कि उनका आशीर्वाद अगर मिल जाए तो व्यक्ति को जीवन में मान सम्मान प्राप्त होता हैं वहीं इनकी बद्दुआ जीवन को बर्बाद कर देती है। बच्चों से जुड़ी कई परेशानियों को किन्नर से जुड़े उपाय कर दूर किया जा सकता हैं। तो आइये जानते हैं किस तरह किस तरह किन्नरों की मदद से आपके बच्चों के असाध्य रोग को दूर किया जा सकता हैं।

- नवजात शिशु के जन्म के बाद जो बुधवार आता है उस पर या पर बुध के किसी नक्षत्र में शिुशु को किन्नर की गोद में दे दें। वो बच्चे को जो आशीर्वाद देते हैं ये उसके लिए बहुत ही लकी होता है।

- बच्चे के जन्म से उसके अन्नप्राशन तक आने वाले हर बुधवार या फिर बुध के नक्षत्र को उसको किसी प्रसन्नचित्र किन्नर से आर्शीवाद दिलवाया करें। इस से बच्चा स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का शिकार नहीं होता है।

- बच्चे को बुरी नजर लग गई है तो तीन चार-दिन लगातार बच्चे को किसी किन्नर की गोद में खेलने के लिए छोड़ दिया करें। किन्नर के मुँह से जो दुआ निकलेगी वो उसको दवा से भी जल्दी सही करेगी।

- मल-मूत्र अवरोध के कारण बच्चे के पेट में कष्ट हो रहा हो तो किन्नर से उसके पेट पर हाथ फिरवाएं, बच्चे का आशातीत लाभ होने लगेगा।

- कोई बच्चा अथवा बड़ा कमर का दर्द से पीड़ित है तो 21 बार उसके माथे पर धीरे-धीरे सस्नेह किसी किन्नर से हाथ फिरवाएं। इस से तुरंत फायदा देखने को मिलेगा।

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