दुश्मनों का क्रैश कोर्स चलता था जैश के बालाकोट कैंप में, भारत ने सबूत भी कर लिए हैं तैयार
भारत ने पाकिस्तान पर दूसरी सर्जीकल स्ट्राइक करते हुए। आतंकियों के पनपने की जगह बालाकोट में छुपे आतंकियों का ठिकाना तबाह कर दिया। इस स्थान पर जैश-ए मोहममद संगठन के आतंकी रहते थे उस स्थान को भारत ने बम से उड़ा दिया। जब पूरा पाकिस्तान सो रहा था। तब भारत ने 26 तारीख को रात को आतंकी ठिकाना तबाह करने के लिए बालाकोट में ढेर सारी बमबारी किया। जिससे वह पनप रहे आतंकी लगभग 300-350 आतंकी को मार गिराया। बताया जा रहा है कि मदरसा आयशा सादिक के बैनर लगा कर यह पर आतंकी केंप चला रहे थे, इसी जगह पर आतंकियों को ट्रेनिंग दी जाती थी।
ये कैम्प आतंकियों के लिये बहुत बड़ा ट्रेनिंग का ठिकाना था, ये करीब 6 एकड़ में बसा हुआ था। इसमें लगभग 5-6 इमारते थी और इसमें कम से कम 600 से लोग रह सकते थे। ये आतंकी कैम्प कुन्हार नदी के पास था। यह पर उन्हें नदी के सहारे घुसपैठ करने की ट्रेनिंग दी जाती थी। इस ट्रेनिंग शामिल हुए लड़कों को यहां 3 महीने का क्रैश कोर्स कराया जाता था। इस 3 महीने की ट्रेनिंग को एडवांस कॉम्बैट कोर्स यानी दौर-ए-खास कहा जाता था तो वही इसे मदरसे की भाषा में दौर-अल-राद भी कहा जाता था।
आपको हम यह जानकारी दे दे कि इस कैंप में आतंकियों को AK-47, PIKA, LMG, रॉकेट लॉन्चर, UBGL और हैंड ग्रेनेड तक चलाने की ट्रेनिंग दी जाती थी। इतना ही नही आपको बता दे कि इसके साथ ही जैश के आतंकियों को यहां पर जंगल सर्वाइवल, गुरिल्ला युद्ध, कॉम्युनिकेशन, इंटरनेट और GPS मैपिंग की ट्रेनिंग दी जाती थी। इसमें कुछ जरूरी ट्रेनिंग जैसे तलवारबाजी, तैराकी, और घुड़सवारी की भी ट्रेनिंग दी जाती थी। एक प्रकार से यह माना जा सकता है कि बालाकोट जैश ट्रेनिंग का मुख्य स्थान था। आपको बता दे कि इस कैंप में कश्मीर, गुजरात हिंसा और बाबरी मस्जिद से जुड़े वीडियो को दिखाकर उनके दिमाग में भारत के खिलाफ नफरत भरी जाती थी।
आपकी जानकारी के लिए बताते चलें की पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकियों को ट्रेंन करने के बाद उन्हें पीओके के रास्ते जम्मू-कश्मीर घाटी में भेजने की तरकीब लगाई जाती थी जिसके लिए बालाकोट से 98 KM तक सड़क मार्ग से लाया जाता था और फिर इसके बाद आतंकियों को PoK स्थित केल और दुधनियाल में मौजूद लॉन्चिंग पैड पर पहुंचा दिया जाता था। यहाँ पर सभी को इकट्ठा करने के बाद यहां से आतंकियों को कुपवाड़ा पहुंचाया जाता था और फिर वह से भी घुसपैठ करते हुए दूसरे रास्तों में आतंकियों को बालाकोट से केल लॉन्च पैड पर ले जाया जाता था। भारत में जम्मू और कश्मीर के तमाम इलाकों में आतंकियों को इस तरह से हमले के लिए तैयार करके हमारे देश में दहशत और आतंक फैलाने का काम दिया जाता है।