दुनिया भर में कचरे के साथ-साथ ई-कचरा यानी बिजली के सामानों की बर्बादी भी बढ़ती जा रही है। मुखबिरों के मुताबिक इस साल 5.3 अरब से ज्यादा मोबाइल फोन बेकार हो जाएंगे। जिससे इस कचरे के और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। गौरतलब है कि मोबाइल बनाने वाली कंपनी निष्क्रिय उपकरणों से निकाले गए सोने, तांबे, चांदी, पैलेडियम जैसे मूल्यवान घटकों का पुनर्चक्रण करती है।

इसे देखते हुए विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इस साल करीब 5.3 अरब मोबाइल फोन इस्तेमाल से बाहर हो जाएंगे। जिनमें से ज्यादातर उपकरण कूड़ेदान में फेंके जाते हैं। एक नए वैश्विक सर्वेक्षण के अनुसार, आज औसत परिवार के पास लगभग 74 ई-उत्पाद हैं। इन उत्पादों में फोन, टैबलेट, लैपटॉप, बिजली के उपकरण, हेयर ड्रायर, टोस्टर और अन्य उपकरण शामिल हैं।

लेकिन इनमें से 13 डिवाइस इस्तेमाल में नहीं हैं। आंकड़ों के अनुसार, अकेले 2022 में दुनिया भर में उत्पादित सेल फोन, इलेक्ट्रिक टूथब्रश, टोस्टर और कैमरों जैसी छोटी वस्तुओं का अनुमानित वजन 24.5 मिलियन टन होगा। जो गीज़ा के महान पिरामिड के वजन के चार गुना के बराबर है।

UNITAR के सस्टेनेबल साइकिल प्रोग्राम के वरिष्ठ वैज्ञानिक और ग्लोबल ई-वेस्ट मॉनिटर के प्रधान अन्वेषक डॉ. कीस बाल्डे के अनुसार, ई-कचरे के पुनर्चक्रण की वापसी दर अलग-अलग देशों में अलग-अलग होती है। लेकिन वैश्विक स्तर पर कुल ई-कचरे का केवल 17 प्रतिशत ही एकत्र और पुनर्चक्रित किया जाता है। कई उपकरण कथित तौर पर लैंडफिल में समाप्त हो जाते हैं, जिससे खतरनाक प्रदूषण होता है। इसके अलावा, भारी धातु और खनिज जैसे तांबा और पैलेडियम बर्बाद हो जाते हैं।

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