दुनिया भर में बहुत से ऐसे बहुत सी जगह है जहां रहस्य ही रहस्य है उन्ही में से एक राजस्थान के जैसलमेर से सिर्फ़ 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कुलधरा गावँ में और इस रहस्य को पिछले 170 सालों से लेकर आज तक कोई नहीं सुलझा पाया। बस एक रत में ऐसा क्या हुआ कि पूरा गॉव बर्वाद हो गया , तो चलिए जानते है इस गॉव से जुड़ी रोचक बात,,,

सन 1290 में बहुत ही पढ़े लिखे, मेहनती और अमीर ब्राह्मणों ने ये गावँ बसाया था, कहा जाता है, इस गावँ को नज़र लग गयी वहीं के दीवान सालम सिंह की, अय्याशी में चूर इस दीवान की गन्दी नज़र एक ब्राह्मण की बेटी पर जा पड़ी, ऐसी पड़ी की उसे दिन-रात उस लड़की के अलावा ना कुछ दिखता था, ना कुछ सूझता था, हवस की आग ऐसी सर चढ़ी उसके कि उसने उस लड़की का रिश्ता उसके पिता से माँग लिया और साथ में शर्त रख डाली कि या तो रिश्ता मंज़ूर करो वरना सुबह-सुबह हमला करके बेटी उठा ले जाऊँगा।

ब्राह्मण भले ही बलपूर्वक दीवान का मुक़ाबला करने में असमर्थ रहे हों लेकिन अपनी घर की बहू-बेटियों की इज़्ज़त बचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी उन्होंने, रातों रात सभी गावँ की बैठक बुलाई गयी, फ़ैसला किया गया की गावँ छोड़ देंगे पर बेटी नहीं देंगे, वो एक रात थी जब उस गावँ में कोई रहा था और उसके अगली सुबह उस गावँ में वीराने का सन्नाटा था,जाते-जाते ब्राह्मण श्राप दे गए कि वो तो जा रहे हैं, उस गावँ में कोई और भी कभी नहीं रह पायेगा। वो दिन है और आज का दिन है, चाह कर भी कोई उस गावँ में बस नहीं पाया।

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