मध्य प्रदेश के छतरपुर जिला अस्पताल का एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे जानकार आप दंग रह जाएंगे। दरअसल अस्पताल में मौजूद मानसिक रोगी ने 10 मिनट के अंदर दर्जनों पेशेंट निपटा दिए। दूसरे शब्दों में कहें तो उनका इलाज कर दिया।

एक दर्जन से ज्यादा लोगों के टेस्ट करके परचे पर दवा भी लिख दी। इस बात की जानकारी जब अस्पताल प्रशासन को मिली तो सब हैरान रह गए। बात फैलने के बाद स्टाफ ने उसे डॉक्टर के केबिन से बाहर निकाला और सभी को सूचित किया।

कुर्सी खाली देख खुद बन गया डॉक्टर

सोमवार को जिला अस्पताल में ओपीडी के समय बेहद भीड़ थी लेकिन डॉक्टर केबिन में मौजूद नहीं थे। ऐसे में देखते ही देखते मरीजों की लंबी लाइन वहां पर लग गई। तइतने में लोगों ने देखा कि अंदर कोई शख्स बैठा मरीज देख रहा है और उन्हें दवाइयां भी लिख कर दे रहा है।

मेडिकल स्टोर संचालक जांचने पंहुचा

सरकारी मेडिकल स्टोर में जब एक के बाद एक लाल पेन से लिखे परचे आने लगे तो उसे शक हुआ और उसने केबिन के अंदर जाकर खुद चेक किया। उसने देखा वहां कोई और ही डॉक्टर बन कर बैठा है और मरीजों का इलाज कर रहा है।

मरीज परेशान थे, इसलिए किया इलाक़

मानसिक रोगी ने खुद को दिल्ली एम्स का डॉक्टर बताया जिसका नाम डॉक्टर वीर बहादुर है। जब उस से पूछा गया कि उसने ऐसा क्यों किया तो उसने कहा कि डॉक्टर मौजूद नहीं थे और ऐसे में मरीज बेहद परेशान थे तो मैंने जाकर कुर्सी संभाली।

फर्राटेदार इंग्लिश में कर रहा था बात

मानसिक रोगी शख्स इस दौरान फर्राटेदार इंगलिश में बात कर रहा था। उसने ये भी बताया कि वो इस अस्पताल में स्टडी के लिए आया था लेकिन समस्या दिखी तो खुद इलाज करने बैठ गया।

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