क्या आप जानते हैं कि हम धरती पर कितना गहरा गड्ढा खोद सकते हैं? इस लिमिट को आज तक नहीं कर पाया कोई पार
वैज्ञानिकों के मुताबिक वर्तमान में पृथ्वी एक ऐसा ग्रह है जिस पर जीवन संभव है। लेकिन अभी भी वैज्ञानिक इस बारे में पूरी जानकारी इक्क्ठा नहीं कर पाए हैं। लेकिन आज हम आपको इसी क्रम में एक ऐसी जानकारी बताने जा रहे हैं जिसके बारे में आपको जान लेना चाहिए। क्या आप जानते हैं कि हम धरती में अधिकतम कितनी गहराई तक गड्ढा खोद सकते हैं? तो चलिए जानते हैं।
51 साल पहले शुरू हुई खुदाई में 12 किलोमीटर नीचे तक पहुंचे थे वैज्ञानिक
धरती की गहराई के बारे में जानने के लिए सोवियत संघ ने एक वैज्ञानिक ड्रिलिंग प्रोजेक्ट की शुरुआत की। उन्होंने इसका नाम ‘कोला सुपरडीप बोरहोल’ रखा। नॉर्वे से लगे रूस की सीमा में 24 मई 1970 को ये खुदाई का काम शुरू किया गया। ये खुदाई 19 साल तक चली और तब तक वैज्ञानिक जमीन से 12 किलोमीटर की गहराई तक पहुंचने में कामयाब रहे लेकिन इसके आगे खुदाई नहीं की जा सकती थी। इस कारण से इस प्रोजेक्ट Kola Superdeep Borehole को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया।
ज्यादा तापमान के कारण प्रोजेक्ट रोकना पड़ा
वैज्ञानिक ये कोशिश करना चाहते थे कि वे कितनी गहराई तक पहुंच सकते हैं। इस प्रोजेक्ट में Uralmash-4E और Uralmash-15000 नाम की ताकतवर ड्रिलिंग मशीनों का इस्तेमाल किया गया था। हालांकि 40,230 फीट की गहराई तक पहुंचने के बाद यहाँ का तापमान 180 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था और इतने तापमान में मशीनों ने पूरी तरह से काम करना बंद कर दिया था। इसी के चलते वैज्ञानिकों ने इस काम को यही पर रोकने का फैसला किया। करीब 9 इंच के व्यास में की गई खुदाई को उस टाइम बंद कर दिया गया और ये अब तक की सबसे गहरी खुदाई थी।
कतर में किया गया था 40,318 फीट गहरा गड्ढा
इसके बाद साल 2008 में Transocean कंपनी ने भी ऐसा ही करने की सोची और अल शाहीन ऑइल फील्ड में 40,318 फीट गहरी खुदाई कर डाली। इस खुदाई की क्षैतिज पहुंच 35,768 फीट ही थी। ये काम उन्होंने मात्र 36 दिन में कर दिया था। Transocean ने कोला सुपरडीप बोरहोल के मुकाबले ज्यादा खुदाई की थी लेकिन कम पहुंच की वजह से ये पीछे रह गया। इसलिए कोला सुपरडीप बोरहोल अब तक का सबसे गहरा गड्ढा है।