हम सभी अक्सर बच्चों, युवा और बूढ़ों तक को नाखून चबाते हुए देखते हैं। बता दें कि ऐसा करना शरीर के लिए बहुत नुकसानदेह साबित होता है। पुरानी धारणाओं की मानें तो हमारे बड़े बुजुर्ग इस बुरी आदत को लक्ष्मी दोष से जोड़ते हुए इसे दूर करने की कोशिश करते आ रहे हैं। लेकिन अगर हम इस बुरी आदत को वैज्ञानिक तरीके से सोचे तो नाखून चबाने की आदत शरीर के लिए हर तरह से खतरनाक है।

आपको बता दें कि चिंता, तनाव की स्थिति में लोग नाखून ज्यादा चबाते हैं। 20 से 30 फीसदी लोग इस बुरी आदत के शिकार हो चुके हैं। नाखून चबाने से ना केवल आत्मविश्वास कम होता है, बल्कि ऐसे लोगों को तनाव से भी गुजरना पड़ता है। लिहाजा इसका असर जीवन स्तर पर देखने को मिलता है।

नाखून चबाने से हाथ के शेप पर बुरा असर देखने को तो मिलता ही है, इसके अलावा नाखून में जमा गंदगी सीधे पेट के अंदर जाने से पाचन क्रिया को बुरी तरह से प्रभावित करती है।

इस आदत के शिकार लोगों में आप चिंता अ​थवा ज्यादा घबराहट के लक्षण आसानी से देख सकते हैं। चिकित्सीय भाषा में इसे Dermatophagia कहा जाता है। नाखूनों के चबाने से शरी में संक्रमण के खतरे भी बढ़ जाते हैं।

बहुत अधिक नाखून चबाने से ह्यूमन पपिलोमा वायरस (एचपीवी) के फैलने का खतरा बढ़ जाता है, जिसमें घाव होने से नाखूनों पर गांठें बन जाती हैं। इसके हाथ से फैलकर होंठों और मुंह तक फैलने के खतरे बढ़ जाते हैं। इसके अलावा इन खतरनाक गाठों से उंगलियों पर निशान पड़ जाते हैं जो स्थायी बने रहते हैं।

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