हमारी बेटियां या दुल्हनें यार्ड में रंगीन रंगों या फूलों के साथ विशेष रंगोली बनाकर घर को सजाती हैं। यह परंपरा लंबे समय से चली आ रही है। और दिवाली के दिन, एक विशेष आकर्षण है कि कैसे रंगोली किसी के घर में बनाई जाती है। फिर आज के युग में हम अपनी कुछ परंपराओं को भूल रहे हैं और अनजाने में आधुनिकीकरण के नाम पर कुछ गलतियाँ कर रहे हैं। तो इस बार जब आप दिवाली या नौ साल के लिए घर पर रंगोली बनाते हैं, तो इन बातों पर विशेष ध्यान दें।

सबसे पहले उस जगह को साफ करें जहां रंगोली बनानी है। और वहां तुलसी के पत्तों के साथ छिड़का हुआ गंगा जल या पानी छिड़क कर शुद्ध करें। फिर लापी या लाल मिट्टी या गोबर का लेप करें। ऐसा करने से आपके रंगोली को सबसे नीचे एक आधार मिलता है। और उस पर लगे रंग भी खूबसूरती से झूम उठते हैं। यदि आप इसे सुबह में लगाते हैं, तो यह शाम तक सूख जाएगा।

दिवाली के लिए मंदिर के पास बनी रंगोली में केवल सफेद लैपी या कुंक का उपयोग करना याद रखें। इसमें आलस दिखाओ और लक्ष्मीजी के चरणों में आगमन को दिखाओ वहीं, मंदिर के पास रंगोली में, साथियो, शुभ-लभ और ओम का लेखन विशेष रखें। लक्ष्मी के पैरों और इन सुकांत के पात्रों की पूजा कंकु और फूलों से करें। रंगोली में काले, भूरे और गहरे नीले जैसे रंगों के बजाय लाल, हरा, पीला, नारंगी, गुलाबी जैसे चमकीले रंगों का प्रयोग करें जो आप घर के बाहर बनाते हैं। और बॉर्डर के लिए जरूरत पड़ने पर सफेद का इस्तेमाल करें। रंगोली के चारों ओर दीपक लगाएं। याद रखें कि दिवाली के दिन एक अखंड दीवा है। और इस दीपक को पूरी रात मंदिर में जलाना चाहिए। यह भी ध्यान रखें कि यदि आप ऐसा अखंड दीपक बनाते हैं, तो अग्नि से संबंधित सुरक्षा का ध्यान रखें।

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