भारतीय रेलवे 20 मार्च 2020 से पहले किराए में दी जाने वाली छूट को फिर से शुरू कर सकता है। रेलवे बोर्ड की यात्री सेवा समिति के अध्यक्ष रमेश चंद्र रत्न ने कहा कि रेलवे अब कई अन्य सुविधाएं भी शुरू करने की तैयारी कर रहा है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव इसका अध्ययन कर रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही वरिष्ठ नागरिकों सहित कई रियायतें शुरू हो जाएंगी।

इस बारे में जी न्यूज से बात करते हुए रेलवे बोर्ड की यात्री सेवा समिति के अध्यक्ष रमेश चंद्र रत्न ने कहा कि कोरोना वायरस के चलते रेलवे ने वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली रियायतों पर रोक लगा दी थी, लेकिन अब संभावना है कि भविष्य में इस पर छूट दी जा सकती है।

उन्होंने कहा, 'रेल सुविधाओं के निरीक्षण के दौरान हमें जो फीडबैक मिला है, उसे 28 दिसंबर को रेलवे बोर्ड की बैठक में रखा जाएगा। इस मामले में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव जी बड़ी तेजी से समीक्षा कर रहे हैं।'

महामारी से पहले भारतीय रेलवे वरिष्ठ नागरिकों को कई रियायतें देता था। पहले महिलाओं को रेल किराए में 50 फीसदी और पुरुषों को 40 फीसदी की छूट मिलती थी। इसके लिए महिलाओं के लिए न्यूनतम आयु सीमा 58 वर्ष और पुरुषों के लिए 60 वर्ष होनी चाहिए। जुलाई 2016 में रेलवे ने टिकट बुकिंग के दौरान बुजुर्गों को दी जाने वाली छूट को वैकल्पिक कर दिया था। उसके बाद 20 मार्च 2020 के बाद कोरोना वायरस के मद्देनजर लॉकडाउन के चलते इस छूट को निलंबित कर दिया गया।

इस दौरान करीब चार करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को अपनी यात्रा का पूरा किराया देना पड़ा। यह जानकारी एक आरटीआई के जरिए सामने आई है। रेलवे ने आरटीआई के जवाब में कहा है कि 22 मार्च 2020 से सितंबर 2021 के बीच 3,78 50,668 वरिष्ठ नागरिकों ने ट्रेनों में यात्रा की है।

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