भारत अवसाद के मामले में दुनिया का छठा सबसे बड़ा देश है। लगभग 56 मिलियन लोग अवसाद से पीड़ित हैं और लगभग 38 मिलियन लोग चिंता से पीड़ित हैं। इन समस्याओं को समय पर पहचानना इनसे निपटने का सबसे महत्वपूर्ण तरीका है। वैज्ञानिकों ने अब इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से जांचने का एक तरीका खोज लिया है। यह खोज डिप्रेशन की जांच में बहुत ही बड़ी कामयाबी साबित होने वाली है|

किसी व्यक्ति की आवाज सुनने से ही पता चल जाता है कि वह अवसाद से पीड़ित है या नहीं। तकनीक का विकास कनाडा के अल्बर्टा विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने किया था। इस प्रणाली में, एक ऐप उपयोगकर्ता की दैनिक बातचीत का डेटा एकत्र करेगा और इसका अध्ययन करते समय, यह बताएगा कि व्यक्ति कब किस स्थिति में है। शोधकर्ताओं ने कहा कि जिस तरह आपके फोन पर मौजूद ऐप आपके कदमों को गिनता है, उसी तरह ऐप आपके मूड पर नजर रखेगा और आपको उदास होने के क्षणों के बारे में बताएगा।

हेल्थ को लेकर हमेशा ही नई नई रिसर्च चलती ही रहती है, ऐसे में मेंटल हेल्थ को लेकर की जा रही यह खोज बहुत ही अच्छी है| डिप्रेशन में जब एक बार कोई व्यक्ति चला जाता है फिर उसको उससे उभरने में बहुत ही समय लगता है| ऐसे में आप किसी की आवाज सुनकर ही उसके डिप्रेशन लेवल को जांच पाएंगे जो बहुत ही अच्छा है| वैज्ञानिक आगे भी डिप्रेशन को ठीक करने के लिए ऐसी ही जांच पड़ताल करते रहेंगे|

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