Depression: अवसाद के कारण बढ़ जाता है इन बिमारियों का खतरा, इनमें सूजन व तनाव भी हैं शामिल
डिप्रेशन को किसी भी अन्य शारीरिक बीमारी की तरह आसानी से नहीं समझा जाता है। एक व्यक्ति जो चिकित्सकीय रूप से उदास है, अक्सर बीमारी का निदान होने तक उदास होने के लिए गलत समझा जाता है। डिप्रेशन एक मानसिक बीमारी है जो वास्तविक है। लेकिन इसका शायद ही कभी उल्लेख किया जाता है और ज्यादातर इसे नजरअंदाज कर दिया जाता है।
एक व्यक्ति जो चिकित्सकीय रूप से उदास है, वह दूसरों को सामान्य लग सकता है, लेकिन वह व्यक्ति बीमार है और इसे स्पष्ट अवलोकन से समझा जा सकता है। इस अवसाद पर बहुत शोध किया गया है, और अभी भी इसका सर्वेक्षण किया जा रहा है। अवसाद अन्य बीमारियों को भी आमंत्रित करता है। इस संबंध में मनोविज्ञान हाउस के अध्यक्ष के मार्गदर्शन में डिप्लोमा के छात्र भट्ट कार्तवी ने 306 अवसाद रोगियों से जानकारी एकत्र की है और एक केस स्टडी की है जिसमें पाया गया है कि लोग कई बीमारियों से पीड़ित हैं।
डिप्रेशन एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति लगातार चिंता, तनाव और उदासी से घिरा रहता है। एक उदास व्यक्ति की समझने या सोचने की क्षमता धीमी हो जाती है और वे नहीं जानते कि आगे क्या करना है। ये चीजें इंसान को अंदर से खाली कर देती हैं। डिप्रेशन के पीछे एक अहम कारण दिमाग में रसायनों का असंतुलन है। इन रसायनों का असंतुलन व्यक्ति के मूड, विचार, नींद, भूख और व्यवहार को प्रभावित कर सकता है। डिप्रेशन के पीछे एक और अहम कारण हार्मोनल असंतुलन हो सकता है। अवसाद महिलाओं को अधिक प्रभावित करता है, खासकर मासिक धर्म के दौरान जब एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन अधिक सक्रिय होते हैं।
इस हार्मोन के उतार-चढ़ाव से डिप्रेशन के लक्षण देखे जा सकते हैं। इसके अलावा डिप्रेशन के पीछे का एक कारण यह भी हो सकता है कि परिवार के किसी सदस्य को इससे पहले किसी तरह की मानसिक बीमारी हो। यानी अगर परिवार में किसी को डिप्रेशन या कोई अन्य मानसिक समस्या है तो यह व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा कई बार बचपन में किसी घटना के कारण मन में डर या चिंता बस जाती है, जिससे व्यक्ति डिप्रेशन की ओर बढ़ सकता है। इसे बचपन का आघात भी कहा जाता है।