ई-वे बिल लागू करना है या नहीं, इसका फैसला राज्य पर छोड़ दिया गया है ई-वे बिल का ज्वैलर्स लंबे समय से विरोध कर रहे हैं ई-वे बिल को लागू करने या न करने का अंतिम अधिकार राज्य सरकार को दिया गया था सोने के आभूषणों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के प्रस्तावित ई-वे बिल का कुछ राज्यों ने विरोध किया है, वहीं सोने के आभूषणों के लिए ई-वे बिल जेनरेट करने की लिंक जीएसटी पोर्टल पर डाली जा रही है, जिससे ज्वैलर्स में चिंता फैल गई है।

हालांकि इस संबंध में अंतिम फैसला केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों पर छोड़ दिया है। फिलहाल इस संबंध में राज्य सरकार की ओर से कोई सर्कुलर जारी नहीं किया गया है। यह लिंक एचएसएन चैप्टर कोड 71 के अंतर्गत आने वाले आभूषण के लिए राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र द्वारा प्रदान किया गया है। सोने के आभूषणों के लिए ई-वे बिल उसी तरह जनरेट किया जा सकता है जैसे अन्य वस्तुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए ई-वे बिल जेनरेट किया जाता है।

ई-वे बिल की समय सीमा दूरी के आधार पर अलग-अलग होगी। ई-वे बिल में मल्टीव्हीकल की अनुमति नहीं है। भले ही जीएसटी पोर्टल पर ई-वे बिल जनरेट करने की व्यवस्था शुरू हो गई हो लेकिन ई-वे बिल कानून को लागू करने या न करने का अंतिम अधिकार राज्य सरकार को दे दिया गया है।

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