डेलॉयट की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि आगामी समय में भारत में इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों की संख्या बढ़ सकती है। भारत में वाहनों के आने-जाने के बारे में सोच बदल रही है और अब पहले से कहीं ज्यादा उपभोक्ता इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। जारी ग्लोबल ऑटोमोटिव कंज्यूमर स्टडी रिपोर्ट 2022 के मुताबिक, एक तिहाई से अधिक भारतीय उपभोक्ताओं ने इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों में अपनी रुचि दिखाई है। महामारी के कारण भारत में पर्यावरण के अनुकूल और पर्यावरण के लिए बेहतर परिवहन साधनों पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है।


बता दे की, 59 प्रतिशत भारतीय उपभोक्ता जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण के स्तर और पेट्रोल और डीजल वाहनों के उत्सर्जन को लेकर चिंतित हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों में भारतीय उपभोक्ताओं की बढ़ती दिलचस्पी को दर्शाता है क्योंकि वे उत्सर्जन और प्रदूषण को कम करने में मदद करेंगे। 2022-23 के बजट में ग्रीन टेक्नोलॉजी वाले वाहनों को बढ़ावा देने की भी घोषणा की गई है। चार्जिंग स्टेशनों पर इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरियों को स्वैप करने की सुविधा प्रदान करने से इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग बढ़ेगा। “भारतीय ऑटो उद्योग उपभोक्ताओं की लगातार बदलती जरूरतों और नए नवाचारों के उद्भव के साथ विकास के एक नए युग का गवाह बन रहा है। नया अध्ययन बदलती उपभोक्ता धारणाओं को दर्शाता है।

ईवी की ओर बढ़ते रुझान के लिए महंगे ईंधन और सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से फर्क पड़ा है। आपकी जानकारी के लिए बता दे की, पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण, इंट्रा-सिटी यात्री, विशेष रूप से दोपहिया वाहन चलाने वाले, अब ईवी विकल्प खरीदने या खरीदने की योजना बना रहे हैं। सरकार को उद्योग जगत को दिए जाने वाले प्रोत्साहन और तरह-तरह की छूट का भी फायदा मिला है. प्रोत्साहनों से लगातार नए मॉडल सामने आ रहे हैं और वाहन की कीमत में भी कमी आ रही है. वहीं, सरकार की ओर से इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस बढ़ाने से भी आने वाले समय में ईवी को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

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