आज से नौ दिन तक चलने वाले नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है, और इस अवसर पर हम बात करेंगे पुराणों के अनुसार कहा जाता है कि जहां-जहां माता के अंग के टुकड़े गिरे है, ये शक्तिपीठ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर फैले हुए हैं और पूजा-अर्चना द्वारा प्रतिष्ठित है। लेकिन आज हम आपको ऐसे शक्तिपीठ के बारे में बातएंगे जिसकी बहुत मान्यता है।

कालीघाट मंदिर कोलकाता
कालीघाट मंदिर पश्चिम बंगाल के कोलकाता शहर के कालीघाट में स्थित देवी काली का प्रसिद्ध मंदिर है, परंपरागत रूप से हावड़ा स्टेशन से 7 किलोमीटर दूर काली घाट के काली मंदिर को शक्तिपीठ माना जाता है, कहते है अगर आप कोलकाता घूमने जाते है तो यहां की दर्शन जरूर करे।

कामाख्या देवी मंदिर
कामाख्या मंदिर को सबसे पुराना शक्तिपीठ मन जाता है, और यह देवी मां कामाख्या को समर्पित है। कहा जाता है सति का योनि भाग कामाख्या में गिरा था, असम राज्य में स्थित यह मंदिर गुवाहाटी रेलवे स्टेशन से 10 किलोमीटर दूर नीलांचल पहाड़ी पर है,यहां साल भर भक्तो की भीड़ लगी रहती है।

हरसिद्धि माता मंदिर उज्जैन
उज्जैन में महाकाल के बाद हरसिद्धि माता की पूजा की जाती है, शिवपुराण के अनुसार दक्ष प्रजापति के हवन कुंड में माता के सती हो जाने के बाद भगवान भोलेनाथ सती को उठाकर ब्रह्मांड में ले गए थे,ले जाते समय इस स्थान पर माता के दाहिने हाथ की कोहनी और होंठ गिरे थे और इसी कारण से यह स्थान भी एक शक्तिपीठ बन गया है।

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