काली बिल्ली रास्ता काट जाए तो अपना रास्ता बदल लेना चाहिए, घर से बाहर निकलते समय अगर कोई छींक दे तो कुछ देर रुक जाना चाहिए,ना जाने कैसे-कैसे अंधविश्वासों पर चलते हुए हम भारतीयों का जीवन बीत जाता है। ये अंधविश्वास वाकई अंधविश्वास हैं या इनके साथ कोई हकीकत भी जुड़ी है तो चलिए जानते है।


दरअसल प्राचीन समय में एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिए लोग घोड़ा गाड़ी या बैलगाड़ी का ही सहारा लेते थे। रात के समय उन्हें घने जंगलों में से भी गुजरना पड़ता था, जहां जंगली कुत्ते, गीदड़ और जंगली बिल्ली दिख ही जाते थे। उनकी चमकती हुई आंखों को देखकर बैल और घोड़े डरकर रुक जाते थे। बैलगाड़ी चलाने वाले लोग कुछ देर रुककर अपने जानवर को आराम करने का मौका देते थे। जंगली बिल्ली को देखकर रुकना एक मान्यता बन गई और धीरे-धीरे जंगली बिल्ली की जगह प्रत्येक बिल्ली को अंधविश्वास का हिस्सा बना लिया गया।


घर में टूटा शीशा लगाना अशुभ माना जाता है, आम धारणा के अनुसार टूटे शीशे में सूरत देखना आपके लिए 7 साल तक का दुर्भाग्य लाता है। कहां से आया यह अंधविश्वास? यह मान्यता प्राचीन रोम से आई है। वह मानते थे कि जीवन से दुर्भाग्य को जाने के लिए 7 साल लगते हैं। वे लोग ये मानते थे कि अगर कोई व्यक्ति जिसकी सेहत खराब है, शीशा देखता है तो उसकी छाया शीशे को तोड़ देती है और वह सात साल तक दुर्भाग्य की गिरफ्त में चला जाता है। सात साल बाद जाकर उसके श्राप का अंत होता है और उसे अपनी बीमारी से मुक्ति मिलती है।

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