कोरोना वायरस से बचाव के लिए लगातार रिसर्च चल रही है. वैज्ञानिक अलग-अलग तरीकों का अध्ययन कर कोविड को खत्म करने की दवा विकसित कर रहे हैं। दुनिया भर के विशेषज्ञ इससे बचाव के तरीके खोज रहे हैं। वहीं, कोरोना की तीसरी लहर की आशंका नजर आ रही है। इसको लेकर लगातार जनता को सतर्क किया जा रहा है। हालांकि कई राज्यों में स्कूल भी खुल गए हैं। इस बीच, केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने कोविड के मामलों को कम करने के लिए देश की पहली एंटीवायरल दवा सीडीआरआई का इस्तेमाल किया है। इस संबंध में सीडीआरआई ने करीब 132 लोगों का टेस्ट किया है। स्पर्शोन्मुख, हल्के और मध्यम लक्षणों पर दवा अधिक प्रभावी है। इस दवा के बारे में विस्तृत जानकारी-

लखनऊ में चिकित्सा वैज्ञानिकों ने यह पहली स्वदेशी एंटीवायरल दवा विकसित करने का दावा किया है। सीडीआरआई के वैज्ञानिकों ने कोरोना के इलाज में असरदार होने वाली पहली एंटीवायरल दवा यूमिफेनोविर की खोज करने का दावा किया है। कोविड के बिना किसी लक्षण और कमजोर लक्षणों वाले मरीजों में इस दवा का परीक्षण किया गया है। सीडीआरआई के वैज्ञानिकों का दावा है कि यह दवा 5 दिनों में वायरल लोड को पूरी तरह खत्म कर देती है।

- इस दवा को 5 दिनों तक दिन में दो बार लेने की सलाह दी जाती है।

- यह दवा 800 मिलीग्राम है।

- इस दवा की 5 दिन की कीमत 600 रुपए है।

- यह दवा गर्भवती महिलाओं और बच्चों पर भी असरदार है।

सीडीआरआई के मुख्य वैज्ञानिक आर रविशंकर ने कहा, 'कोरोना के इलाज में इस्तेमाल होने वाली यह एंटीवायरल दवा शिशुओं और गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित है। यह प्रभावी रूप से कोविड-19 के सेल कल्चर को नष्ट करने में मदद करता है। यह वायरस को मानव कोशिकाओं में प्रवेश करने से रोकता है।

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