15 महीने से पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है। हर हाल में इंसान को यह लड़ाई जीतनी है, चाहे वायरस कितने भी रंग बदल ले, म्यूटेट हो जाए। लेकिन जिंदा रहने के लिए इंसान मास्क पहनें, तो यह लड़ाई इंसानों के हक में जाएगी। इसमें सबसे बड़ा रोल मास्क का होगा। मास्क एक ऐसा सोशल वैक्सीन है।

एलएनजेपी के डायरेक्टर डॉ सुरेश कुमार ने कहा कि मास्क बहुत जरूरी है। इससे छुटकारा तभी मिल सकता है, जब 80 पर्सेंट आबादी का वैक्सीनेशन हो जाए और हर्ड इम्युनिटी बन जाए। ऐसे हालात में इंफेक्शन फैलने का खतरा कम हो जाता है और वायरस में बदलाव की संभावना भी कम होती है। जहां तक अपने देश की बात है तो केवल 5 पर्सेंट की आबादी को दोनों डोज लगी है, इसमें हम मास्क हटाने की बात तो सोच नहीं सकते। अभी जिस प्रकार वेरिएंट दिख रहा है, जो वैक्सीन के बाद भी हो रहा है, उसमें मास्क ही बचा सकता है।


एम्स के मेडिसिन डिपार्टमेंट के डॉ नीरज निश्चल ने कहा कि अभी हम सभी थर्ड वेब की बात कर रहे हैं। ऊपर से वायरस में बदलाव और नए वेरिरंट, जिसमें डेल्टा और डेल्टा पल्स की बात हो रही है। वायरस खुद को जिंदा रखने के लिए रूप बदल रहा है और इंसान को खुद को इससे बचाए रखने रखने की चुनौती है। इस लड़ाई में अगर वायरस को हराना है तो इंसानों को अपने बिहेवियर में म्यूटेशन नहीं होने देना है। उन्हें हर हाल में मास्क पहनने की आदत को बनाए रखना है।

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