कोरोना वायरस दुनिया को प्लेग कर रहा है। चिंताजनक रूप से, यह रोग उन रोगियों के हृदय और फेफड़ों को प्रभावित कर रहा है जो कोरोना से उबर चुके हैं। मैडिसन केमिस्ट्री के एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक प्रोफेसर शंकर के अनुसार, कोरोना वायरस से उबरने वाले रोगियों में हृदय, फेफड़े और तंत्रिका तंत्र को प्रभावित कर रहा है। जिन रोगियों को कोरोनरी हृदय रोग हुआ है, वे हृदय और फेफड़ों की बीमारी से पीड़ित हैं।

दुनिया भर में कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या लाखों में है। लैंसेट की एक रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना वाले 55 प्रतिशत रोगियों में तंत्रिका तंत्र की शिकायत थी। जर्मनी में हुए एक अध्ययन में संक्रमण से बचे 75 लोगों की हृदय संरचना में बदलाव पाया गया। यह जानना महत्वपूर्ण है कि यह भविष्य में लोगों को कैसे प्रभावित करेगा।

कोरोना की रोकथाम और उपचार के बारे में, मेडिसिन केमिस्ट्री के वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना को नियंत्रित करने के लिए टीके विकसित किए जा रहे हैं, इसके अलावा पहले से मौजूद योगों को मिलाकर संक्रमण को रोकने की आवश्यकता है। प्रभावी चिकित्सा की खोज तेज होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अब तक लगभग 15 कैंसर ड्रग्स और एक दर्जन एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं कोविद के लक्षणों और उपचार में उपयोगी पाई गई हैं। इन पर और काम किए जाने की जरूरत है।

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