कहा जाता है कि जितने राज़ एक महिला के ज़हन में झिपे होते है। उतने राज़ कोई भी नहीं झिपा सकता है। ये भी सच है कि महिलाओं सबसे ज़्यादा भावनात्मक होती है। उनमे इमोशंस ज़्यादा होते है। वे जल्दी ही हर तरह की भावनाओं में ढल जाती है। वहीं पुरुषों की तुलना में महिलाएं सहन किए गए ज्यादा दर्द को भी थोड़े ही वक्त में भूल जाती है।


हाल ही में कनाडा की टोरंटो मिसिसॉगा विश्वविद्यालय के एक रिसर्च में पुष्टि हुई है कि महिला व पुरुष दोनों अपने कष्टदायी अनुभवों को अलग-अलग तरीके से याद रखते है। अपने पुराने दर्द भरी यादों को महिलाएं , पुरुषों की तुलना में ज़्यादा जल्दी उस दर्द भरें पल को भुला देती है। जबकि पुरुष अपने कष्टदायी अनुभवों अच्छी तरह याद रखते है।
आपको बता दे कि महिलाएं कष्टदायी अनुभवों जल्द से जल्द अपनी ज़िंदगी से बाहर कर देती है। लेकिन पुरुष द्वारा बिताएं गए खराब अनुभव उनके लिए एक प्रेरक का कार्य करता है।

कष्टदायी अनुभव पुरुषों के लिए एक सीख का काम करता है। वे अपने गुज़रे हुए दर्द से सीख कर वैसी गलती कम करते है।
वहीं महिलाएं अपने खराब अनुभव को भुला कर नए - नए अनुभवों की ओर जल्दी आकर्षित हो जाती है।

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