दुनिया के किसी भी कपल के लिए सबसे बड़ी खुशी तब होती हैं, जब वो मॉ बाप बनते है, लेकिन मॉ बाप बनना ही सबकुछ नहीं होता हैं, उस बच्चे के पालन पोषण बहुत बड़ी जिम्मेदारी की बात हैं, बच्चे का शाररिक और मानसिक विकास बहुत ही जरुरी हैं, ऐसे में जब बात सूखें मेवे की आती हैं, तो सबसे पहले ये सवाल उठता है कि बच्चे के आहार में कब सूखे मेवे शामिल करना चाहिए।

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तो आपको बतां दे कि 2 से 5 साल सही रहता है, लेकिन संयम बरतना बहुत ज़रूरी है। बादाम और अखरोट जैसे सूखे मेवे फायदेमंद हो सकते हैं, लेकिन उन्हें बहुत कम मात्रा में दिया जाना चाहिए। दिन में सिर्फ़ एक बादाम या आधा अखरोट पर्याप्त है और रोज़ाना खाने से बचना सबसे अच्छा है, इसके बजाय हफ़्ते में कुछ बार खाना बेहतर है। ज़्यादा खाने से पेट खराब होने या एलर्जी होने की संभावना हो सकती है।

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सूखे मेवे कैसे खिलाएँ

सूखे मेवे छोटे, आसानी से संभाले जा सकने वाले टुकड़ों में दिए जाने चाहिए या घुटन के ख़तरे से बचने के लिए बारीक पीसकर दिए जाने चाहिए। 2 साल से कम उम्र के बच्चों को सूखे मेवे नहीं खिलाना चाहिए, क्योंकि उनका पाचन तंत्र इस समय विकसित हो रहा होता है। इसके बजाय, उनके बड़े होने तक इंतज़ार करें और कम मात्रा में देना शुरू करें, बादाम, किशमिश और खजूर जैसी नरम किस्मों से शुरुआत करें।

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लाभ और विचार

सूखे मेवे ज़रूरी विटामिन और मिनरल से भरपूर होते हैं जो बच्चों के स्वास्थ्य और विकास में मदद करते हैं। संभावित पाचन समस्याओं से बचने के लिए संयम बनाए रखना और अनुशंसित मात्रा से अधिक नहीं खाना बहुत ज़रूरी है।

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