आचार्य एक राजनीतिज्ञ के अलावा एक समाजशास्त्री भी माने जाते हैं, क्योंकि वे आजीवन लोगों की मदद भी करते रहे।इतना ही नहीं उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी में लोगों को धर्म का मार्ग भी दिखाया।इस दौरान उन्होंने एक ऐसे ग्रंथ की, जिसमें जीवन को सुखी बनाने के लिए कई अहम बातों का जिक्र किया गया।इस ग्रंथ को आज चाणक्य नीति के नाम से जाना जाता है,इसके जरिए जीवन में आए उतार-चढ़ाव को आसानी से पार किया जा सकता है।

आचार्य चाणक्य की नीतियां इतनी प्रभावी हैं कि ये आज भी एकदम सटिक साबित होती हैं।उन्होंने अपनी नीतियों के आधार पर ही साधारण से बालक चंद्रगुप्त को पूरे भारत का सम्राट बनाया था।

चाणक्य नीति में दांपत्य जीवन को सुखमय बनाने के लिए कई बातों का जिक्र किया है जिनमे कुछ ऐसी बातों के बारे में भी बताया है जिनके होने से शादीशुदा जिंदगी स्वर्ग बन जाती है।आइए जानें कौन सी हैं वो बातें

समानता - दांपत्य जीवन में पति-पत्नी के रिश्ते के बीच में अहंकार की कोई जगह नहीं होनी चाहिए। पति-पत्नी दोनों को एक दूसरे को सम्मान देना चाहिए।इससे हमेशा रिश्ता बना रहता हैइससे कभी भी वैवाहिक जीवन में दरार नहीं आती है।


शांत मन - आचार्य चाणक्य के अनुसार शांत मन के होने से व्यक्ति को अच्छे और बुरे का फर्क पता चलता है और हर चीज का हल बहुत ही शांति से निकाला जा सकता है।इसलिए सुखी वैवाहिक जीवन के लिए मानसिक शांति बहुत जरूरी है।


संतुष्टि - चाण्कय नीती के अनुसार सुखी दांपत्य जेवण के लिए पैसों का मैनेजमेंट सही तरीके से होना बहुत जरुरी है।अनावश्यक खर्चे से हमेशा बचना चाहिए। जितना है उसी को पर्याप्त माने और एक दूसरे की जरूरतों को पूरा करें। ज्यादा के चक्कर अपने रिश्ते को पीछे न छोड़ें

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