आचार्य चाणक्य एक महान अर्थशास्त्री और राजनीतिज्ञ थे।आचार्य चाणक्य की नीतियां आज भी प्रसांगिक हैं।लोग आज भी सफलता प्राप्त करने के लिए इन नीतियों का पालन करते हैं।नीति शास्त्र में नौकरी, व्यापार, रिश्ते और निजी जीवन से संबंधित कई बातों के बारे में बताया गया है।उन्होंने अपनी बुद्धिमानी के बल पर एक साधारण से बालक चंद्रगुप्त को मधग का सम्राट बनाया था।
आचार्य चाणक्य की नीतियां इस दौर में भी बेहद सटीक हैं।लोगों को भी आचार्य चाणक्य की ओर से कही बातों पर बेहद विश्वास होता है।यही वजह है कि लोग आज भी चाणक्य की शिक्षाओं को अपने जीवन में लागू करते हैं।बता दे की आचार्य चाणक्य एक श्रेष्ठ विद्वान होने के साथ एक अच्छे शिक्षक भी माने जाते हैं।


आचार्य चाणक्य ने अपने जीवन में विषम से विषम परिस्थितियों का सामना किया था परंतु कभी हार नहीं मानी और अपने लक्ष्य को प्राप्त किया।जीवन में सफलता पाने के लिए आप भी उनकी शिक्षाओं का पालन कर सकते हैं।
चाणक्य नीति के अनुसार प्रत्येक मनुष्य जीवन में सफलता प्राप्त करना चाहता है।उसकी कामना रहती है सुख-समृद्धि, धन और वैभव हमेशा बना रहे।मनुष्य के सफलता पाने के लिए आचार्य चाणक्य की नीति के ये श्लोक बहुत महत्वपूर्ण है, आइये इनके बारे में जानते हैं-

सही और गलत की परख करें
यो ध्रुवाणि परित्यज्य अध्रुवं परिषेवते । ध्रुवाणि तस्य नश्यन्ति चाध्रुवं नष्टमेव हि ॥
आचार्य चाणक्य के मुताबिक, जो मनुष्य निश्चित यानी सही को छोड़कर अनिश्चित यानी गलत का सहारा लेता है, उसका सही भी नष्ट हो जाता है।इसलिए जब भी कोई फैसला लें तो सही और गलत की परख अवश्य करें। चाणक्य नीति के अनुसार, इंसान को अपनी मर्यादा में रहकर काम करना चाहिए।चाणक्य के अनुसार, जिस सागर को हम इतना गम्भीर समझते हैं, प्रलय आने पर वह भी अपनी मर्यादा भूल जाता है।लेकिन श्रेठ व्यक्ति संकटों का पहाड़ टूटने पर भी मर्यादाओं का उल्लंघन नहीं करता।

सही समय और सही तरीकों पर करें गौर
कः कालः कानि मित्राणि को देशः कौ व्ययागमौ । कश्चाहं का च मे शक्तिरिति चिन्त्यं मुहुर्मुहुः ॥
आचार्य चाणक्य के अनुसार, सही समय, सही मित्र, सही ठिकाना, पैसे कमाने के सही साधन, पैसे खर्चा करने के सही तरीके और अपने ऊर्जा स्रोत पर गौर जरूर करें, भविष्य में यही काम आएंगे।तात्पर्य यही है कि आपको सही समय का इंतजार करना चाहिए और उसी के मुताबिक हमें अपनी जिंदगी के फैसले लेने चाहिए।


अपने व्यवहार का रखें ध्यान-चाणक्य नीति के अनुसार, मनुष्य को अपने व्यवहार में बहुत ही भोलापन या सीधापन नहीं दिखाना चाहिए।ध्यान रहे कि जंगल में सीधे पेड़ पहले काटे जाते हैं, और जो पेड़ टेढ़े हैं वो खड़े रहते हैं।इसलिए जरूरी है कि लोगों को परखें और समय के अनुसार अपने व्यवहार में बदलाव करें।

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