कैंसर का नाम सुनते ही कई लोगों का दिमाग खराब हो जाता है। विज्ञान की प्रगति के बावजूद, अभी भी इसका कोई विशिष्ट इलाज नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, 2018 में विभिन्न प्रकार के कैंसर के कारण 96 लाख लोगों की मौत हुई। हर साल कई लोगों की मौत कैंसर से होती है। हाल ही में कैंसर पर हुई एक स्टडी और भी चौंकाने वाली है।

शोध के अनुसार, 1990 के बाद की पीढ़ी में किसी भी अन्य पीढ़ी की तुलना में कैंसर का खतरा अधिक होता है। यानी इस समय 30 से 40 साल के युवाओं में कैंसर का खतरा बढ़ रहा है। यह उम्र का वह पड़ाव है जहां हम कैंसर के बारे में सोचते तक नहीं हैं। वास्तव में ज्यादातर मामलों में खराब जीवनशैली और खाने की आदतों को कैंसर के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है। इसलिए अगर हम इस उम्र में कुछ आदतों में सुधार करें तो कैंसर के खतरे को काफी कम किया जा सकता है।


एक रिपोर्ट के अनुसार धूम्रपान फेफड़ों के कैंसर के लिए सबसे बड़ा जिम्मेदार कारक है। धूम्रपान 14 अन्य प्रकार के कैंसर का कारण बनता है। 25 साल से पहले धूम्रपान की आदत बाद में कैंसर का कारण बन सकती है। इसलिए धूम्रपान छोड़ दें। एचपीवी (ह्यूमन पेपिलोमावायरस) दुनिया में सबसे आम यौन संचारित संक्रमण है जो निजी अंगों पर चकत्ते का कारण बनता है।

इससे कई तरह के कैंसर भी हो सकते हैं। जिसमें सर्वाइकल, पेनिस, मुंह और गले का कैंसर शामिल है। एचपीवी युवाओं में अधिक कैंसर पैदा कर रहा है। एचपीवी ने युवा पुरुषों में मुंह के कैंसर का कारण बनना शुरू कर दिया है, खासकर 30 से 34 वर्ष की आयु की महिलाओं में। इसलिए एचपीवी टीकाकरण किया जाना चाहिए और इसे रोकने के लिए सुरक्षित यौन संबंध सबसे अच्छा तरीका है।

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