भारत के दिग्गज कारोबारी नितिन शाह की यह कहानी है। अपने ही बड़े भाई से धोखा खाने के बाद नितिन को खुद अपना व्यवसाय शुरू करने की इच्छा हुई, मगर अपनी जेब में पड़े सिर्फ 20 रुपये ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और 500 रुपये उधारी पर लेकर अपने दृढ़ मनोबल से 1000 करोड़ के विशाल साम्राज्य का सफल किया।

नितिन शाह महाराष्ट्र के छोटे कारोबारी परिवार में पैदा हुए थे। उनके पिता एक छोटी सी अग्नि शमन यंत्र बनाने की दुकान चलाते थे, जिसका नाम जीनीथ फायर सर्विसेज था। छोटी उम्र से ही पढ़ाई से वक्त निकालकर अपने पिता के साथ काम में उनका हाथ बटांते थे।

सबसे छोटा होने के कारण उनके बड़े भाई ने उन्हें नजरअंदाज करते हुए कारोबार पर कब्ज़ा कर लिया। नितिन को बेहद धक्का लगा और उन्होंने अपना का कारोबार शुरू करने का निर्णय किया।

नितिन अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए बतातें हैं कि “मैंने जनवरी 1984 में दोस्त से 500 रूपए उधार लिए और उसके ऑटो गराज में काम करना शुरू किया। मैं मेकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कर चुका था और पिता के साथ काम करते करते कुछ कॉन्टेक्ट भी बन गए थे, उनमें से एक डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी (डीएई) में सीनियर एडवाइजर ने मुझे फायर एकस्टिंगुइशर की मेंटेनेंस का कॉन्ट्रेक्ट दिया।

उन्के पास काफी कम साधन थे, लेकिन फिर भी हिम्मत न हारते हुए उन्होंने 20 लाख रुपए जमा कर लिए और 1200 फीट जमीन खरीदकर नितिन फायर प्रोडक्शन इंडस्ट्री नाम से एक कंपनी की शुरुआत की। साल 1986 में मिलने वाला ओएनजीसी मेंटेनेंस का कॉन्ट्रेक्ट कंंपनी के लिए टर्निंग पॉइंट साबित हुआ।


1987 में नितिन ने 1 करोड़ रुपए में गुजरात के उमरगांव में 50000 फीट जमीन खरीदी और 25 कर्मचारियों के साथ अग्नि शमन यंत्र बनाने की शुरूआत की।
साल 1988 में गोआ में ऑफिस की ओपनिंग की और 1989 में यूके की कंपनी अपोलो फायर डिटेक्टर्स से साथ काम करके जून 2007 को 65 करोड़ रुपए का आईपीओ लाए। साल 2008 में उन्होंने नितिन वेंचर्स के माध्यम से 30 साल पुरानी संयुक्त अरब अमीरात की कंपनी न्यू एज कंपनी में अपनी हिस्सेदारी करके साल 2010 में उन्होंने कंपनी को अपने अधीन ले लिया। इस कंपनी के अबू धाबी, दुबई और शारजाह में कार्यालय है।

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