ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों के बीच डॉक्टरों ने आगाह किया है कि अगर अचानक नाक बंद हो जाए तो उसे बैक्टीरियल साइनसाइटिस समझने की भूल न करें। खासतौर पर तब जब कोई कोविड-19 से संक्रमित हो या फिर इम्यूनोसप्रेशन का सामना कर रहा हो। ऐसे मामलों में जरूरी है कि फौरन फंगल एटियोलॉजी का पता लगाया जाए।

इन दिनों ब्लैक फंगस के संक्रमण के मामले ज्यादा मिल रहे हैं। अगर समय रहते इस रोग का पता चल जाए तो इसका इलाज मुमकिन है। दरअसल ब्लैक फंगस यानी म्यूकरमाइकोसिस ऐसा फंगल इंफेक्शन है जिसे कोरोना वायरस प्रेरित करता है। जो पहले से किसी बीमारी से जूझ रहे हैं और जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, उनमें यह संक्रमण तेजी से फैलता है।

ब्लैक फंगस के मरीज की आंखों में लालामी, तेज दर्द, बुखार, सिरदर्द, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, उल्टी में खून, मानसिक स्थिति में बदलाव, दो चीजें दिखना, आंखों का धीरे-धीरे बंद होते जाना प्रमुख लक्षण हैं। यह संक्रमण हवा में फैले रोगाणुओं के संपर्क में आने, त्वचा पर लगी चोट, रगड़ या जले हुए हिस्सों पर वायरस के हमले से फैल सकता है।

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