इंटरनेट डेस्क। हिन्दू धर्म का पवित्र सावन का महीना शुरू हो चुका है। सावन का महीना भगवान शिव का प्रिय महीना है और इस महीने में उन्हें प्रसन्न करना बहुत आसान होता है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति उन्हें प्रसन्न कर लेता है, उसकी हर मनोकामना पूरी होती है और उसके ऊपर भोलेनाथ का आशीर्वाद हमेशा बना रहता है। लेकिन भोलेनाथ को खुश करना जितना आसान होता है उतनी ही जल्दी नाराज़ भी हो जाते है।

कल अर्थात 9 अगस्त को सावन महीने की शिवरात्रि है। यह दिन भोलेनाथ की पूजा के लिए बहुत शुभ दिन माना जाता है। हालाँकि इस दिन भोलेनाथ की पूजा करते समय आपको कुछ बातों का ख़ास ध्यान रखना होता है। आपको शिवलिंग की पूजा में भूलकर भी ये गलतियां नहीं करनी चाहिए।

भोलेनाथ की पूजा में फूलों का उपयोग अवश्य किया जाता है। आप उनकी पूजा में जपाकुसुम, बेला और हरसिंगार के फूल का इस्तेमाल कर सकते है लेकिन आपको इस पूजा में कनेर के फूल का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।

हिन्दू धर्म के हर शुभ कार्य और अनुष्ठान में तुलसी के पत्तों का उपयोग किया जाता है लेकिन आपको शिव पूजा में इनका उपयोग नहीं करना चाहिए।

आप शिव जी की पूजा में प्रसाद के तौर पर नारियल चढ़ा सकते है लेकिन आपको नारियल पानी से शिवलिंग का अभिषेक करने से बचना चाहिए।

शास्त्रों और शिवपुराण के अनुसार शिव जी की पूजा में कभी भी हल्दी का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। चूँकि शिवलिंग एक पुरुष प्रतीक है और हल्दी महिलाओं के सौदंर्य की वस्तु है इसलिए शिवलिंग पर इसे कभी नहीं चढ़ाना चाहिए।

हल्दी की तरह ही कुमकुम भी शिवलिंग पर नहीं चढ़ाया जाता है। कुमकुम महिलाओं के लिये उनके सुहाग की निशानी होती है और शिव जी को सर्वोच्च विनाशक के रूप में जाना जाता है इसलिए शिवलिंग पर कुमकुम चढ़ाना शुभ नहीं माना जाता है।

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