मानसून से पहले बढ़ी सरकार की चिंता, इन इलाकों में कभी भी तबाही मचा सकते हैं बादल
मानसून धीरे-धीरे भारतीय सीमा के भीतर फैल रहा है। मानसून भारत पुर्व इलाकों के कुछ हिस्सों तक पहुंच गया है। अगले दो दिनों में वह उड़ीसा के कुछ और इलाकों तथा बंगाल की खाड़ी के उत्तरपश्चिमी क्षेत्र के बाकी हिस्सों में मानसून के पहुंचने की उम्मीद है।
केरल में मानसून अब अपना असर दिखाने लगा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार केरल में रविवार बताया गया की राज्य में पिछले दो दिनों में अबतक मानसून से जुडी घटनाओं में 13 लोगों की जान जा चुकी है।
उत्तर भारत के कई हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य के आसपास रहा। और कर्नाटक से बारिश के चलते कई इलाकों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बताया रहा यहां पिछले 2 महीनों में भारी बारिश के कारण 104 लोगों की मौत हो चुकी है।
मानसून को पडौसी इलाकों में देखकर सरकार की चिंता बढ़ गई है। जी हां, उत्तराखंड में मानसून पहुंचने से पहले ही सरकार को इसका डर सताने लगा है। उत्तराखंड मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मानसून की तैयारियों की जानकारी ली।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने विभागीय अधिकारियों को एेसी आपदा से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहने के निर्देश दिए है। वही विभागीय अधिकारी भी इसे लेकर तैयार है।
उत्तराखंड के जिले में 37 संवेदनशील स्थानों को चिह्नित किया गया है। जिले में मानसून काल के लिए तीन माह का खाद्यान्न एवं 88 केएल मिट्टी के तेल का भंडारण किया गया है। मानसून से सरकार ने पहले पुरी तरह से चींता में है। और इसे लेकर तैयार भी हो चुकी है।
मौसम विभाग की माने तो बताया जा रहा है कि मानसून बुधवार तक पश्चिम बंगाल और सिक्किम के कुछ हिस्सों तक पहुंच जाएगा। और आने वाले दो से तीन दिन के दौरान उत्तर प्रदेश, हिमालय और पश्चिम बंगाल के साथ ही राज्य के तटीय जिलों में भारी बारिश का पूर्वानुमान है।