महाभरत के युद्ध से पहले श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था और अपने विराट रूप के दर्शन भी विराट को दिए थे। श्री कृष्ण के विराट रूप के दर्शन करने का सौभाग्य हर किसी को प्राप्त नहीं होता है। आज हम आपको कुछ ऐसे लोगों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हे अर्जुन के अलावा श्री कृष्ण के विराट स्वरूप के दर्शन हुए थे।

उनके विराट स्वरुप के दर्शन हनुमान जी ने भी किये थे जो कि अर्जुन के रथ की छत्र पर विराजमान थे। महर्षि वेदव्यास के शिष्य संजय जि

विराट स्वरुप के दर्शन करने वाले तीसरे सौभाग्यशाली व्यक्ति "बर्बरीक" थे, जो घटोत्कच और अहिलावती की संतान थे एवं भीम पौत्र थे | बर्बरीक ने भी महाभारत के युद्ध को देखा था और उन्होंने कहा कि इस पूरे युद्ध में उन्होंने श्रीकृष्ण के अतिरिक्त अन्य किसी को नहीं देखा। उनका तेजस वाकई कमाल का था।

अर्जुन को श्री कृष्ण ने गीता का जो उपदेश दिया था उसे धृतराष्ट्र और संजय ने भी सुना था। ऐसा श्री कृष्ण ने इसलिए किया ताकि धृतराष्ट्र ने जो गलतियां की उनका आभास उन्हें हो सके।

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