अजंता की गुफा, एलोरा की गुफाओं से भी काफी पुरानी हैं,इस घोड़े के नाल के आकार के रूप में बने पहाड़ पर 26 गुफाएं बनी हुई हैं,अजंता की गुफाओं को 1819 में एक ब्रिटिश ऑफिसर ने खोजा था
ये गुफाए यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल हैं,अजंता की गुफा को साल 1983 में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों में शामिल किया गया था


अजंता की गुफाएं बौद्ध धर्म को समर्पित हैं, इसमें बौद्ध धर्म से जुड़ी कलाकृतियां मौजूद हैं
यहां बुद्ध की छवियों के अलावा कई जानवरों, आभूषणों, पहनावों को भी दर्शाया गया था,इनमें ग्रीक कलाओं की तरह समानताएं नजर आ रही थी. जिसे महज संयोग नहीं कहा जा सकता है


भारत के महाराष्ट्र के जलगांव शहर में स्थित अजंता और एलोरा की गुफाओं को किसी भी तरह के परिचय की जरूरत नहीं है,इन गुफाओं को देखने के लिए दुनियाभर से लोग आते है. हालांकि, ये दोनों गुफाओं एक-दूसरे से 100 किलोमीटर की दूरी पर हैं


यहां दो तरह की गुफाएं हैं- विहार और चैत्य गृह।विहार की संख्या 25 है, तो चैत्य गृहों की संख्या चार है. एक ओर विहार का इस्तेमाल बौद्ध रहने के लिए करते थे, तो चैत्य गृह का इस्तेमाल ध्यान स्थल के रूप में किया जाता था।

Related News