आखिर क्यों तीन शादियां करने के बाद भी हनुमान जी कहलाए बाल ब्रह्मचारी, जानिए वजह
भगवान श्रीराम के परम भक्त हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी हैं। लेकिन हनुमान भक्त यह बात नहीं जानते हैं कि बजरंगबली को तीन-तीन शादियां करनी पड़ी थी। वाल्मीकि कृत रामायण के अनुसार, हनुमान जी को देवी सीता ने अजर-अमर होने का वरदान दिया था। इस प्रकार हिंदू धर्म में यह मान्यता है कि हनुमान जी एकमात्र ऐसे भगवान हैं जो कलियुग में अपने भक्तों की भक्ति से प्रसन्न होकर उनके सारे कष्ट हर लेते हैं। इस स्टोरी में हम आपको हनुमान जी की तीनों पत्नियों के बारे में बताने जा रहे हैं।
1- पराशर संहिता संहिता के मुताबिक, हनुमान जी सूर्यदेव से ज्ञान प्राप्त कर रहे थे। उन दिनों भगवान भास्कर ने बजरंगबली से कहा कि मैंने तुम्हे सभी विद्याओं का ज्ञान करा दिया है, बस केवल एक विद्या शेष है। लेकिन यह विद्या केवल विवाहित लोगों को ही बताई जा सकती है। हनुमान जी कहा कि मैं यह विद्या प्राप्त करके रहूंगा, चाहे इसके लिए मुझे विवाह की क्यों ना करना पड़े। इसके बाद सूर्यपुत्री सुर्वचला ने इच्छा से हनुमान को पति रूप में स्वीकार किया था। इस प्रकार केवल ज्ञान प्राप्त करने के लिए हनुमान जी ने भगवान सूर्य की पुत्री से विवाह किया था।
2- पद्म चरित के मुताबिक, एक लंका के राजा रावण और वरुण देव के बीच युद्ध हुआ था। तब हनुमान जी ने वरुण देव की तरफ से युद्ध किया था। इस युद्ध में हनुमान जी ने रावण के सभी पुत्रों को बंदी बना लिया था। युद्ध के बाद रावण ने अपनी पौत्री अनंगकुसुमा का विवाह हनुमान जी से कर दिया था।
3- पौराणिक कथाओं में यह भी वर्णन मिलता है कि जब हनुमान जी ने वरुण देव की तरफ से रावण से युद्ध किया था, तब वरुण देव बजरंगबली से बहुत प्रसन्न हुए। इसके बाद उन्होंने अपनी पुत्री सत्यवती का विवाह हनुमान जी के साथ संपन्न करवाया। लेकिन गौरतलब है कि विभिन्न परिस्थितियों की वजह से हनुमान जी को तीन विवाह करने पड़े, लेकिन उन्होंने कभी विवाह का सुख नहीं भोगा। आजीवन ब्रह्मचर्य का पालन करने की वजह से हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी कहलाए।