महान राजा अकबर के मृत्यु के बाद उनके सव के साथ हुआ था ऐसा, जानिए सच्चाई
जलाल उद्दीन मोहम्मद अकबर तैमूरी वंशावली के मुगल वंश का तीसरा शासक था। सम्राट अकबर मुगल साम्राज्य के संस्थापक जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर का पौत्र और नासिरुद्दीन हुमायूं एवं हमीदा बानो का पुत्र था। मुगल साम्राज्य में अकबर सर्वाधिक शक्तिशाली साम्राज्यों में से एक था। अकबर को भारतीय इतिहास का एक महान राजा माना जाता है, राजा अकबर ने अपने शासनकाल में काफी ज्यादा सामाजिक कार्य किया था जिसके कारण राजा अकबर को एक अच्छा शासक माना जाता है राजा अकबर के शासन काल में प्रजा काफी ज्यादा सुखी हुआ करती थी।
अकबर ने अपने शासनकाल में सभी धर्मों का सम्मान किया था इसके अलावा अकबर के शासनकाल में कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं रहता था। प्रजा की ख़ुशी के लिए काफी बलिदान भी दिया लेकिन कहते है ना अंत समय में सबकुछ बदल जाता है है थी कुछ ऐसा ही हुआ।
अकबर के शासनकाल में भारत ने काफी ज्यादा तरक्की की थी लेकिन आप लोगों को मालूम है कि जब राजा अकबर इतना बड़ा महान व्यक्ति था तो उसकी जब मृत्यु हुई तब उसके सव को राजकीय सम्मान के साथ क्यों नहीं जलाया गया था बल्कि दुर्ग के पीछे दीवार तोड़कर सिकंदरा में दफना दिया। इसका कारण यह था कि उस समय अफगान के लोग मुगल साम्राज्य पर हावी हो रहे थे जिसके कारण मुगल साम्राज्य के लोग चाहते थे कि राजा अकबर की मृत्यु के बारे में अफगान लोगों को मालूम ना हो।