आजकल कुछ एकल अविवाहित महिलाएं मातृत्व का विकल्प चुन रही हैं। लगभग दो दशक पहले, बॉलीवुड अभिनेत्री सुष्मिता सेन के बारे में खबर सुनने में आई थी जब उन्होंने 25 साल की उम्र में एक लड़की को गोद लेने के 10 साल बाद सिंगल मदर बनने का फैसला किया था। और अब, एकता कपूर भी सरोगेसी के जरिए एक बच्चे की माँ बनी है।

पर क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर सेरोगेसी क्या होती है , किस तरह इसके जरिये बच्चे मिलते है , अगर नहीं तो आइये जानते है सेरोगेसी के बारे में कुछ प्रमुख बाते :

क्या होती है सेरोगेसी :

ऐसे लोग जिनके बच्चे नहीं हो पा रहे है या जो लोग सिंगल पैरेंट है उनके लिए सेरोगेसी एक बहुत ही बेहतरीन विकल्प है। एक ऐसी महिला जो किसी और के लिए अपनी कोख में बच्चा रखती है और उसको जन्म देती है पर जन्म के बाद से ही उसका बच्चे पर कोई अधिकार नहीं रहता।

वो पेरेंट्स जिनके बच्चे नहीं हो पाते हैं या कोई सिंगल पेरेंट बनना चाहता है तो वो सरोगेसी का रास्ता चुनते हैं। सरोगेसी के बाद कोई ऐसी महिला अपने कोख में बच्चा रखती है, जो उसे जन्म तो देती है लेकिन बच्चे पर उसका कोई हक नहीं होता है।

सेरोगेसी भी दो प्रकार की होती है एक कॉमर्शियल सरोगेसी होती है जिसमें माँ बच्चे को अपनी कोख में रखने के लिए पैसे लेती है और जो भी बच्चा चाहते हैं उन्हें बच्चे को कोख में रखने वाली औरत को पैसे देने पड़ते हैं। इसके अलावा एक और सरोगेसी होती है जिसमे बच्चे को कोख में रखने वाली औरत कोई पैसा नहीं लेती है बस बच्चे की देखभाल, इलाज और दवाइयों का खर्च लेती है।

कितना आता है खर्च : विदेशो की बात करे तो सेरोगेसी का खर्च विदेशो में 50 लाख तक आता है जबकि अगर अपने भारत की बात करे तो मात्र 10 से 15 लाख में ये खर्च होता है। गुजरात और मुंबई प्रान्त में सबसे ज्यादा सेरोगेसी की सुविधाएं मिलती है।

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