यदि आप भी वैष्णो देवी के दर्शन के लिए गए होंगे तो आपको भी पता होगा कि मां का नीवास पर्वत पर एक गुफा में वास करती है। भक्तों की लंबी कतार के कारण आपको इस गुफा में रहने का केवल कुछ मिनटों का ही मौका मिलता है। लेकिन आज हम आपको इस गुफा से जुड़े ऐसे रहस्यों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं।

1. माता ने छोटी बच्ची के रुप में दिए थे दर्शन

कहा जाता है कि माता वैष्णो देवी के इस मंदिर का निर्माण 700 साल पहले पंडित श्रीधर द्वारा कराया गया था। उनकी भक्ति से प्रसन्न हो कर माँ ने उन्हें दर्शन दिए। माँ ने एक छोटी बच्ची के रूप में उन्हें दर्शन दिए और उसके बाद इस मंदिर का निर्माण किया गया।

2. गुफा में माता ने बिताए थे 9 महीने

ये भी मान्‍यता है कि माता ने इस गुफा में नौ महीने बिताए थे। कोई शिशु भी माँ के गर्भ में 9 महीने तक ही रहता है। हिन्दू धर्म के अनुसार इसलिए इस गुफा को गर्भजून कहते हैं। श्रीधर जिन्हे माँ ने दर्शन दिए, उनको खुद माँ ने ही इस गुफा के बारे में बताया था।

3. अब नहीं किया जाता प्राकृतिक रास्ते का इस्तेमाल

माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए अब जिस रास्ते का इस्तेमाल किया जाता है वह प्रकृतिक रास्ता नहीं है। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए एक कृत्रिम मार्ग का निर्माण 1977 में ‌‌किया गया। अब सभी इसी रास्ते से माँ के दर्शन के लिए जाते हैं।

4. शीत काल में खुलता है प्राकृतिक गुफा वाला रास्ता

प्राकृतिक रास्ते में जाने का सौभाग्य सिर्फ कुछ किस्मत वालों को ही प्राप्त होता है। दरअसल नियम के अनुसार जब माँ का दर्शन करने के लिए दस हजार से कम श्रद्धालु होते हैं तब प्राचीन गुफा का द्वार खोल दिया जाता है। ऐसा साधारणतय सर्दी के मौसम में ही होता है जब ये रास्ता खुलता है।

5. किस्मत वालों को मिलता है प्राचीन गुफा से जाने का मौका

हिन्दू धर्म के अनुसार मां माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए प्राकृतिक रास्ते का काफी अधिक महत्व है। इसका बड़ा कारण यह है की प्राचीन गुफा के समक्ष भैरो का शरीर मौजूद है। यहीं पर माँ ने भैरो को मारा था तब उसका शरीर यहाँ रह गया था और सिर उड़कर भैरो घाटी में चला गया।

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